नई दिल्ली. अयोध्या भूमि विवाद (Ayodhya Dispute) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी (Iqbal Ansari) ने कहा कि शीर्ष कोर्ट के फैसले का वो पूरा सम्मान करते हैं और खुशी है कि आखिर मामले पर फैसला आ गया. जब इकबाल से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि अब क्या कहूं, यह देश का सबसे बड़ा और अहम मसला था जो आज खत्म हो गया. अंसारी ने कहा कि अब यह जिम्मेदारी सरकार की है कि वो हमें कहां जमीन देती है.
बता दें कि आज शनिवार को अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का बहुप्रतीक्षित फैसला आ चुका है. चीफ जस्टिस (CJI) रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) ने विवादित जमीन रामलला विराजमन को देने की बात कही है. साथ ही फैसले में सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही कहीं पांच एकड़ जमीन देने को कहा.
सुप्रीम कोर्ट में 40 दिन तक चली थी सुनवाई:-
बता दें कि सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अयोध्या विवाद पर लगातार 40 दिन तक सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. फैसला पढ़ते हुए सीजेआई गोगोई ने निर्मोही अखाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड के दावे को खारिज कर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदू पक्ष ने जिरह के दौरान ऐतिहासिक साक्ष्य पेश किए. उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि आस्था के आधार पर जमीन के मालिकाना हक पर फैसला नहीं किया जाएगा.
CJI रंजन गोगोई ने फैसला सुनाते हुए शांति की अपील की:-
सीजेआई रंजन गोगोई शनिवार सुबह जब सुप्रीम कोर्ट में फैसला पढ़ने आए तो उन्होंने सबसे पहले शांति की अपील की. इसके बाद पांचों जजों की बेंच ने फैसले पर दस्तखत किए. सीजीआई ने कहा कि 1991 के कानून में उपासना स्थल पर पूजा का जिक्र है. इस मामले में किसी ने प्रॉपर्टी राइट क्लेम नहीं किया. उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर कब बनी और किसने बनवाई, यह स्पष्ट नहीं है. साथ ही कोर्ट ने निर्मोही अखाड़ा के सूट को भी खारिज कर दिया गया.