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Monday, November 18, 2019

ऋषिकेश में सगाई, ग्वालियर से शादी का प्रमाण पत्र, सिंधिया घराने से जुड़े सरदार आंग्रे के परिवार पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज

ग्वालियर। ऋषिकेश में मंगलदोष पूजा के बाद सगाई को सांकेतिक विवाह करार दिया गया। इसके बाद ऋषिकेश के बजाए ग्वालियर नगर निगम से विवाह प्रमाण पत्र बनवाने वाले सिंधिया राज घराने से जुड़े सरदार आंग्रे के परिवार पर विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। शिकायत धार कोठी इंदौर निवासी अर्जुन सिंह काक ने की है। अर्जुन की मां इंदौर राजघराने की सदस्य बताई गई हैं। अर्जुन से सरदार आंग्रे की पोती का विवाह 18 अप्रैल 2018 को हुआ था। मामला पहले मीडिएशन सेल में गया फिर कोर्ट तक पहुंचा। पुलिस ने जांच के बाद मामला दर्ज किया है।
इंदौर स्थित धार कोठी 64/67 निवासी अर्जुन सिंह (33) पुत्र कर्नल अनिल सिंह ने ग्वालियर एसपी को शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने बताया कि उनके पिता सेना से सेवानिवृत हैं। मां इंदौर राजघराने की सदस्य हैं। अर्जुन इंदौर में प्रोग्रेसिव एजुकेशन-111 नाम से शैक्षणिक संस्थान का संचालन करते हैं। उनका आरोप है ग्वालियर के सिंधिया राजघराने से जुड़े सरदार संभाजी राव आंग्रे (अब नहीं हैं) के पुत्र तुलाजीराव आंग्रे, अपनी पत्नी श्यामभावी के साथ इंदौर निवासी सुखवंत सिंह, राजेन्द्र चौबे के माध्यम से मार्च 2018 में मेरे घर आए थे। उन्होंने अपनी पुत्री कात्यायनी आंग्रे (32) का विवाह मेरे साथ करने की इच्छा व्यक्त की थी। उनके काफी दबाव के बाद मेरे परिजन ने नवंबर 2018 में शादी की सहमति दी थी। यह तय किया था कि ग्वालियर कोर्ट में शादी होगी। उसके बाद दोनों परिवारों की हैसियत से समारोह इंदौर में होगा। पर अप्रैल 2018 में तुलाजीराव उनके घर आए और बताया कि कात्यायनी की पत्रिका में मंगलदोष है। इसके लिए अक्षय तृतीया को मंगलदोष पूजा का उपाय उनके गुरु पंडित अनिल अठाले निवासी बताशे वाली गली जनकगंज ने बताया है। इस पर 18 अप्रैल 2018 को इंदौर में पूजा का कार्यक्रम तय हुआ। सब कुछ तय होने के बाद अचानक तुलाजीराव ने आकर बताया कि उनके गुरु ने ऋषिकेश उत्तराखंड में पूजा का प्रस्ताव रखा है। वहीं गुरु आश्रम में पूजा उत्तम रहेगी। साथ ही वहीं सगाई का समारोह भी कर लेंगे। अचानक कार्यक्रम बदलने और कोई विकल्प नहीं छोड़ने पर भी मेरे परिजन मान गए।
सगाई को सांकेतिक विवाह करार दिया:-
अर्जुन सिंह ने पुलिस को आवेदन में आगे बताया कि 17 अप्रैल 2018 को उसके माता-पिता के साथ वह ऋषिकेश पहुंचे। यहां डिवाइन रिसोर्ट होटल में ठहरे और 20 अप्रैल तक रुके थे। 18 अप्रैल 2018 को मंगलदोष पूजा के बाद सगाई हुई। जिसमें मेरी मां-पिता की ओर से बेशकीमती गहने व रिश्तेदारों ने भी उपहार दिए। इसके बाद आंग्रे परिवार ने इस सगाई को सांकेतिक विवाह बताया और इसी को शादी मानने के लिए कहा गया। इस पर माहौल न बिगड़े तो अर्जुन के परिवार ने इसे भी कबूल कर लिया। साथ ही ऋषिकेश उत्तराखंड के नियमों के तहत विवाह पंजीयन व प्रमाण पत्र के लिए आंग्रे परिवार से कहा।
ऋषिकेश से बनना था प्रमाण पत्र ग्वालियर से बनाया:-
इसके बाद तुलाजीराव आंग्रे ने विवाह प्रमाण पत्र के लिए कुछ दस्तावेज इंदौर भेजे, जिसमें पंजीयन स्टाम्प थे। हमने हस्ताक्षर कर दिए। जून 2018 में विवाह का प्रमाण पत्र भेजा गया, जिसे देखकर हम लोग दंग रह गए। ऋषिकेश में सांकेतिक शादी हुई थी, जबकि प्रमाण पत्र ग्वालियर नगर निगम से बनवाकर भेजा गया। जिसके बाद पूरी धोखाधड़ी का अहसास हुआ। इसके बाद सूचना के अधिकार के तहत जानकारी निकाली गई तब फर्जीवाड़े का पता लगा। इस दौरान कात्यायनी से कोई संबंध नहीं रहा है।
इन पर हुआ मामला दर्ज:-
अर्जुन सिंह काक की शिकायत पर आंग्रे साहब का बाड़ा निवासी तुलाजीराव (बाल) आंग्रे पुत्र सरदार संभाजीराव आंग्रे, तुलाजीराव की पत्नी श्यामभावी आंग्रे, बेटी कात्यायनी आंग्रे, गुरु (पंडित) अनिल आठले पुत्र दिवाकर पाठक निवासी बताशे वाली गली, श्वेता व्ही काकड़े, प्रताप राव घोरपड़े, चित्रलेखा आंग्रे, रमेश चन्द्र व अन्य के खिलाफ विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने जांच के बाद आईपीसी की धारा 420, 466, 468, 471, 120 बी के तहत मामला दर्ज किया है।
धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है:-
पुलिस कप्तान पर शिकायत आई थी। जहां से जांच के बाद आवेदन विश्वविद्यालय थाना पुलिस को मामला दर्ज करने के लिए दिया गया। अभी पुलिस ने तुलाजीराव आंग्रे व उनके परिवार के सदस्यों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। मामला विवाह के जाली प्रमाण पत्र का है, जांच की जा रही है।
-रामनरेश यादव, थाना प्रभारी विश्वविद्यालय थाना-