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Thursday, November 7, 2019

DGP का फरमान:- अब जाति पूछकर पिटाई करेगी पुलिस, दलित समाज को राहत, BJP व करणी सेना ने दी चेतावनी

भोपाल. एमपी में नई सरकार का नारा है कि वक्त है बदलाव का, एमपी बदल रहा, जी हां, यह नारा अपराध कम होने, रोजगार के अवसर बढऩे, किसानों की समस्याओं के हल करने के लिए भले ही फलीभूत नहीं हो रहा हो, लेकिन यहां की पुलिस के मुखिया डीजीपी के एक फरमान ने दलितों को राहत दी है, अब एमपी की पुलिस जाति पूछ कर पिटाई करेगी, भले ही वह कितना बड़ा क्रिमिनल क्यों न हो. जी हां.
दरअसल, मध्यप्रदेश के डीजीपी वीके सिंह ने सभी जिलों के एसपी समेत जबलपुर, भोपाल और इंदौर के आईजी को एक चिठी लिखी है. जिसमें उन्होंने विषय लिखा है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को विधि संगत प्रावधानों के अधीन आवश्यक होने पर ही हिरासत में लेने औऱ पुलिस अभिरक्षा में कोई अभद्र व्यवहार और मारपीट करने विषयक.
डीजीपी के यह हैं आदेश:-
डीजीपी ने अपने ऑर्डर में लिखा है कि हाल में कुछ घटनाएं प्रकाश में आई है, जिसमें पुलिस हिरासत के दौरान अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों के साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट किए जाने का मामला सामने आया है. इन घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा गंभीर आपत्ति व्यक्त की गई है. ऐसे में भविष्य में किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी विधि के सुसंगत प्रावधानों और प्रक्रिया का पूर्णत: पालन करते हुए की जाए. साथ ही पुलिस हिरासत में किसी भी अऩुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के व्यक्ति के साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट न की जाए. इसका पालन कड़ाई से की जाए.
गृहमंत्री को नहीं है आदेश की जानकारी:-
वहीं, डीजीपी के इस आदेश से मध्यप्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन पूरी तरह से अनजान हैं. उन्होंने कहा कि मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है. किसी भी व्यक्ति पर कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया के तहत ही होगी. इस संबंध में मैं डीजीपी से चर्चा करूंगा. जाति पूछकर कार्रवाई नहीं की जा सकती है. अगर ऑर्डर ऐसा है तो मैं देखता हूं. आपको बता दें कि पिछले दिनों जब बाला बच्चन ने एक बैठक बुलाई थी तो उसमें भी डीजीपी नहीं पहुंचे थे.
आदेश का पुरजोर विरोध शुरू:-
मध्यप्रदेश में डीजीपी के इस फैसले का विरोध शुरू हो गया है. करणी सेना ने मध्यप्रदेश पुलिस को चेतावनी दी है कि आदेश को वापस लें नहीं तो इसके खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा. इसका साथ ही बीजेपी भी सरकार के फैसले पर सवाल उठा रही है. क्या प्रदेश की पुलिस मुजरिमों को भी जाति के आधार पर बांटकर कार्रवाई करेगी. हालांकि इस ऑर्डर पर अभी तक डीजीपी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.