भोपाल/ हनीट्रैप मामले में चालान कोर्ट में जमा होने के बाद कई सफेदपोश लोग बेनकाब होने लगे। प्रदेश के बड़े आईएएस अफसर से लेकर वर्तमान सरकार के मंत्रियों के ओएसडी तक हनीट्रैप में शामिल हसीनाओं पर लट्टू थे। यहीं नहीं इनके जाले में फंसने के बाद इन लोगों ने खजाना भी खोल दिया। यहीं नहीं वीडियो की आड़ में इन हसीनाओं ने इन सफेदपोशों से अपने उल्टे-सीधे काम भी निकलवाए। साथ ही कई सरकारी ठेके भी लिए हैं।
इस मामले में पुलिस ने अब कोर्ट में चालान जमा कर दिया है। जिसमें दो दिग्गज मंत्रियों के ओएसडी फंस रहे हैं। इसमें खाद्यय मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के ओएसडी हरीश खरे और खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के ओएसडी हरीश खरे शामिल हैं। गिरोह की हसीनाओं ने इनके अश्लील वीडियो बनाकर उनसे लाखों रुपये वसूले और कई तबादले कराए।
रात दस बजे दोनों पहुंचे थे आरती के फ्लैट
हनीट्रैप में शामिल मोनिका ने पुलिस से पूछताछ के दौरान कहा है कि अरुण निगम और हरीश खरे नामक दो व्यक्ति आरती के मीनाल रेसीडेंसी वाले निवास पर आए थे। दोनों ने खुद को सीनियर सरकारी अधिकारी के रूप में अपना परिचय दिया था। अरुण निगम ने खुद को माइनिंग अधिकारी बताया था। मोनिका ने कहा कि तारीख याद नहीं है इसी साल जून या जुलाई में रात में करीब दस बजे दोनों आए थे।
दोनों ने ड्रिंक किया:-
मोनिका ने पुलिस को बताया कि अरुण निगम और हरीश खरे ने बैठकर हमारे और मोनिका के साथ फ्लैट में ही ड्रिंक किया, इस दौरान भी उनका हमारे साथ वीडियो बना। फिर एक कमरे में अरुण निगम आरती दयाल के साथ चला गया और मेरे साथ हरीश खरे दूसरे कमरे में आया। उसके बाद हरीश खर ने मेरे कपड़े उतार कर मुझे पकड़ लिया था।
रूपा और श्वेता जैन आ गए:-
संबंध बनाने के बाद आरती दयाल के फ्लैट से अरुण निगम और हरीश खरे चले गए। इनके जाते ही रूपा और श्वेता जैन रात को ही आरती के फ्लैट पर पहुंची। फिर दोनों आरुण निगम और हरीश खरे के वीडियो देखने लगे। मोनिका ने पुलिस को बताया कि मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि अरुण निगम और हरीश खरे से आरती दयाल और श्वेता विजय जैन ने कितने रुपये लिए थे। हो सकता है कि इनसे पैसा नहीं लिया हो, क्योंकि ये दोनों अरुण निगम और हरीश खरे से कोई सरकारी काम कराना चाहते थे।
कौन है मोनिका:-
दरअसल, मोनिका गांव की रहने वाली एक लड़की है। श्वेता विजय जैन के ऑफिस में काम करने वाले अभिषेक ठाकुर ने उसे अपने जाल में फंसाया था। फिर पढ़ाई और भोपाल में रखने के नाम पर उसे ब्यावरा से यहां बुलाया। उसके बाद आरती दयाल से मिलवाया। अभिषेक ने मोनिका से कहा था कि वह हमारी भाभी हैं, वह जो भी कहेंगी कि उनकी बात मानना। फिर मैं पैसों की लालच में फंसती गई।