शहडोल (मध्यप्रदेश)। जिले के गोहपारू में पदस्थ एक आरक्षक ने मानवता की मिसाल पेश की है। 800 किमी दूर बड़वानी में बीमार बेटे के इलाज के लिए अस्पताल के बाहर बिलखते पिता की वायरल वीडियो देख आरक्षक ने इलाज के लिए 1 लाख 30 हजार रुपए जुटा लिए। मजदूर के बेटे की दिल की बीमारी जान आरक्षक ने साथियों की मदद से पूरा इलाज का जिम्मा उठाया। दरअसल गोहपारू थाने में पदस्थ आरक्षक सुरजीत ने न केवल बच्चे के लिए इलाज के लिए पैसा एकत्रित किया बल्कि पूरे इलाज के दौरान परिजनों के ठहरने का भी इंतजाम कराया। दो साल का मासूम बच्चा सय्यम को उसके पिता शक्ति सिंह भाटी निवासी तलवाड़ा जिला बड़वानी नेे तेज बुखार में जिला अस्पताल बड़वानी में दिखवाया था। बच्चे को सांस लेने में तकलीफ थी। वहां से इंदौर एमवाय अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। जहां डॉक्टरों ने बच्चे के दिल में छेद बताया और इलाज के लिए किसी दूसरी जगह ले जाने की सलाह दी गई। पिता शक्ति सिंह मजदूर था और उसके पास पैसा नहीं होने से अस्पताल के बाहर अपने बीमार बच्चे को लेकर बिलख रहा था। समाजसेवी मोनू ने सोशल मीडिया पर सारी बात बताते हुए मदद की अपील की थी। इस पर तत्काल थाना गोहपारू में पदस्थ आरक्षक सुरजीत ने मासूम बच्चे के पिता से संपर्क किया। बाद में आरक्षक ने अलग- अलग साथियों से पैसे जुटाए और इलाज कराया।
दो लाख का खर्च, दोस्तों के साथ मिल कराया ऑपरेशन:-
आरक्षक सुरजीत के अनुसार, बच्चे के इलाज में दो लाख रुपए का खर्च आ रहा था। आरक्षक ने पैसा ट्रांसफर कर अपने दोस्त को भेजकर डाल्फिन अस्पताल में भर्ती कराया। सोशल मीडिया और अपने दोस्तों के साथ मिलकर बच्चे के इलाज का खर्चा एक लाख तीस हजार रुपए एकत्रित किए। बच्चे के माता-पिता के रहने खाने का इंतजाम किए। आरक्षक की दरियालीदिली देख डॉक्टरों ने भी 70 हजार रुपए कम कर दिए। बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है।
इनका कहना है:-
सोशल मीडिया में बच्चे के पिता का वीडियो देखा था। बाद में परिजनों ने संपर्क किया तो दिल की बीमारी का पता चला। तत्काल पहले दस हजार रुपए दिया। बाद में अन्य दोस्तों की मदद से पैसों जुटाया। इलाज के लिए दो लाख की जरूरत थी। डॉक्टरों ने 70 हजार कम कर दिए थे। दोस्तों के साथ मिलकर 1 लाख 30 हजार जुटाया और इलाज कराया।
-सुरजीत, आरक्षक थाना गोहपारू-