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Wednesday, February 26, 2020

सिंधिया' के करीब क्यों जा रहे हैं 'दिग्गी राजा', कहीं ये बात तो नहीं, क्या अपनी रणनीति में कामयाब होंगे

भोपाल/ मध्यप्रदेश कांग्रेस की राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह दो ध्रुव हैं। खासकर प्रदेश में कमलनाथ की सरकार बनने के बाद तो दोनों में कभी कोई नजदीकियां नहीं दिखी। न ही दोनों नेता कभी सार्वजनिक मंच पर पिछले एक साल में साथ आए। लेकिन हाल के दिनों में राजा साहब, महाराज के करीब जाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में इसके सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक उन्हें महाराज ही कहते हैं। महाराज भी प्रदेश में पॉवर के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनके समर्थक खुलकर उनकी तरफदारी में लगे हैं। मीडिया में भी राज्यसभा और प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सबसे ज्यादा चर्चा उन्हीं की हो रही है। लेकिन राज्यसभा के लिए दावेदार दिग्विजय सिंह भी है। उनके समर्थक खुलकर उनके लिए कहीं भी ये मांग करते हुए नहीं दिखाई दे रहे हैं कि राजा साहेब को राज्यसभा भेजा जाए।
तो कमजोर पड़ रहे हैं 'राजा':-
हालांकि ये तय है कि अंतिम निर्णय दिल्ली में ही होना है कि राज्यसभा कौन जाएगा। लेकिन मध्यप्रदेश की राजनीति में सबसे ज्यादा चर्चा सिंधिया के नाम की ही है। ऐसे में राजा साहेब को लग रहा है कि ऐसे में उनकी मांग कमजोर पड़ सकती है। मगर उनकी चाहत है कि वो फिर से राज्यसभा जाएं। लेकिन दिक्कत यह है कि यहां से प्रियंका गांधी को भी राज्यसभा भेजे जाने की चर्चा है। ऐसे में एक सीट बचता है जिसके दावेदार राजा और महाराज दोनों हैं। जिस तरह से सिंधिया के लिए भोपाल से लेकर दिल्ली तक लॉबिंग हो रही है, उसमें दिग्विजय सिंह कमजोर पड़ते नजर आ रहे हैं।
सिंधिया के करीब जा रहे हैं दिग्विजय सिंह:-
सियासी जानकारों को लगता है कि इस वजह से दिग्विजय सिंह ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। वह अब महाराज के करीब जाना चाहते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सरकार के खिलाफ बयान दिया तो दिग्गी ने भी उनका समर्थन किया। साथ ही सीएम कमलनाथ का बचाव भी किया। साथ ही वह यह भी कहते रहे हैं कि उनके महाराज से रिश्ते अच्छे हैं, मीडिया इसे विवाद बताती रहती है।
फिर मिलने की कोशिश करूंगा:-
दोस्ती की पहल दिग्विजय सिंह ने ही शुरू किया है। उन्होंने महाराज सिंह मिलने के लिए गुना दौरे के दौरान टाइम का भी जिक्र किया। मगर महाराज ने उन्हें वक्त नहीं दिया। बीच सड़क पर ही दोनों की मुलाकात हुई। इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा था कि मुलाकात बहुत अच्छी रही। साथ ही कहा कि मैं उनसे फिर मिलने की कोशिश करूंगा। दोनों के बीच कहीं से कोई दिक्कत नहीं है।
राज्यसभा पर टिकी हैं निगाहें:-
दिग्विजय सिंह पर यह भी आरोप लगे हैं कि पर्दे के पीछे से सरकार वहीं चला रहे हैं। लेकिन फिलहाल उनकी निगाहें राज्यसभा पर टिकी है। इसके लिए वह ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी साधने में लगे हैं। साथ ही सीएम कमलनाथ के गुट पर नजर बनाए हुए हैं। सीएम गुट के लोग भी दिग्विजय सिंह के नाम पर कभी कोई बयान सरेआम नहीं देते हैं। दिग्विजय सिंह की कोशिश भी यहीं है कि अभी किसी को नाराज नहीं किया जाए। हालांकि उन्हें यह बखूबी पता है कि राज्यसभा के लिए अंतिम निर्णय तो सोनिया गांधी के दरबार में ही होना है।
साथ हैं सब:- 
कांग्रेस में विवाद की खबरों पर दिग्विजय सिंह हमेशा यह कहते रहे हैं कि हम साब एक साथ हैं। कहीं कोई गड़बड़ नहीं। कमलनाथ जी के साथ मिलकर हम सब काम कर रहे हैं। लेकिन राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि दिग्विजय सिंह वक्त की नजाकत को समझते हुए राज्यसभा के लिए फील्डिंग कर रहे हैं। वह सिंधिया को साधने की कोशिश में लगे हैं।
मंत्री ने बताया सिंधिया को परफेक्ट:-
राज्यसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने उन्हें राज्यसभा और प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए परफेक्ट उम्मीदवार बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मेरी व्यक्तिगत राय नहीं है, बल्कि प्रदेश की जनता भी यहीं चाहती है। जबकि दूसरे मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि यह दिल्ली तय करेगा कि कौन राज्यसभा जाएगा और कौन प्रदेश अध्यक्ष बनेगा।
सीडब्लूसी में हो सकती है चर्चा:-
मध्यप्रदेश कांग्रेस में चल रही खींचतान के बीच बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक होने वाली है। अन्य मुद्दों के साथ यह संभव हैं कि उस मीटिंग राज्यसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा होगी। साथ ही मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया भी प्रदेश के नेताओं से लगातार फीडबैक ले रहे हैं। प्रदेश कमिटी से मिले फीडबैक के आधार पर ही दिल्ली दरबार में यह तय होगा कि राज्यसभा कौन जाएगा और प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसे दी जाए।