टेक डेस्क। 24 फरवरी को सोने की कीमतों में दो प्रतिशत की वृद्धि के बाद इसकी कीमत अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं, जो फरवरी 2013 के बाद से नहीं देखी गई थी। वर्तमान में सोमवार को सोने की कीमत 1,663.06 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस थी, जो शुरुआती घंटों में 1.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। इस बीच, अमेरिका में सोने की वायदा बाजार में भी कीमत में एक फीसद की वृद्धि के बाद इसकी कीमत 1,665 डॉलर पर रही।
माना जा रहा है कि सोने की कीमत 1700 डॉलर के बैरियर को अगले कुछ दिनों में तोड़ सकती हैं। कई विश्लेषकों ने सोने की जबरदस्त इजाफे के बारे में कहा है कि कोरोनोवायरस के खतरे के चलते सोने की कीमतें बढ़ती रहेंगी। परंपरागत रूप से सोने के मूल्य का इक्विटी बाजार और ऐसे अन्य वित्तीय उत्पादों से उल्टा संबंध होता है। भू-राजनीतिक अनिश्चितता के समय में निवेशक अक्सर अपने पोर्टफोलियो में रखे सोने का प्रतिशत बढ़ा देते हैं और इसे एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में देखते हैं।
मांग में तेजी के साथ सोने की कीमतों में भी तेजी आई। इसके अलावा, सरकार का अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण का उपभोक्ता विश्वास भी सोने की कीमतों को प्रभावित करने में एक बड़ा हिस्सा है। जब बाजार का भरोसा कम होता है, तो उपभोक्ता सोने को खरीदने के लिए दिलचस्पी बढ़ा लेते हैं। यही कारण है कि सोने को अक्सर 'संकट की वस्तु' कहा जाता है।
विश्लेषकों का कहना है कि वर्तमान में सोने के दाम में बढ़ोतरी की वर्तमान वजह कोरोनावायरस का खतरा है। यह चीन के वुहान से फैलना शुरू हुआ था, जो वन्य प्राणी, जिंदा जानवरों और समुद्री जीवों की खरीद-फरोख्त का बड़ा बाजार है। अब इस वायरस का प्रकोप जापान, साउथ कोरिया, थाईलैंड, ताइवान, वियतनाम और अमेरिका सहित 30 देशों को अपनी चपेट में ले चुका है। इस वायरस की वजह से अब तक 2,626 लोगों की मौत हो चुकी है और 79, 524 लोग वायरस से संक्रमित हैं।