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Friday, March 20, 2020

स्पीकर ने 16 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा किया मंजूर, इस स्थिति में सत्ता रहेगी बरकरार

भोपाल. मध्य प्रदेश कांग्रेस के बागी विधायकों के मामले में एक बड़ी खबर आ रही है. विधानसभा स्पीकर नर्मदा प्रजापति ने इन 16 विधायकों के इस्तीफे को मंजूर कर लिया है. बता दें, आज शुक्रवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होने जा रहा है. इस दौरान मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को सदन में बहुमत सिद्ध करना होगा. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में कहा कि स्पीकर को पहले उनके इस्तीफे को स्वीकार करना चाहिए था. उन्होंने कहा, 'यह गंभीर बात है कि अब तक फ्लोर टेस्ट के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कार्य सूची प्रकाशित नहीं की गई है. क्या सरकार SC से ऊपर है..?
बता दें, सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी संकट को लेकर सुनवाई हुई थी. इस दौरान कोर्ट ने मध्यप्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को ही फ्लोर टेस्ट करवाने का आदेश दिया है. लेकिन कांग्रेस की तरफ से मौजूद वकील लगातार फ्लोर टेस्ट नहीं करवाने की बात कह रहे थे.
वोटिंग के प्रक्रिया की हो वीडियो रिकार्डिंग:-
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि सदन में वोटिंग के दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग होगी. इसके साथ ही सदन में सदन में हाथ उठाकर वोटिंग करने का आदेश दिया गया है. कोर्ट ने कहा है कि इस फ्लोर टेस्ट को शुक्रवार शाम पांच बजे से पहले पूरा करना होगा.
कांग्रेस-बीजेपी ने जारी की व्हिप:- 
सदन में फ्लोर टेस्ट से पहले दोनों दलों ने अपने विधायकों की मौजूदगी तय करने के लिए व्हिप जारी की है. इन विधायकों को 20 मार्च को अनिवार्य तौर पर सदन में मौजूद रहने के लिए कहा गया है. साथ ही निर्देश दिया गया है कि विधायक बहुमत के प्रस्ताव और विरोध में वोट करने को कहा गया है.
नेताओं के हैं अपने-अपने दावें:-
जहां बीजेपी के नेता सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत कर रहे हैं. साथ की कमलनाथ सरकार को बहुमत खोने वाली सरकार बता रहे हैं. वहीं कांग्रेस नेताओं का दावा है कि वो विधानसभा में बहुमत सिद्ध करेंगे.
बहुमत साबित करने के लिए विश्वास मत हासिल करना जरूरी:-
विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए सरकार को विश्वास मत हासिल करना होता है. जिसके लिए कुल सीटों में से आधी से एक ज्यादा सीटें उस दल के पास होनी जरूरी होती है. दरअसल, विधानसभा में तीन तरीके से मतदान किया जाता है. इनमें वॉयस वोट, बैलेट वोट और डिविजन वोट शामिल है. लेकिन विधानसभा में से कुछ विधायक वहां मौजूद नहीं रहें तो मौजूदा विधायकों के आधार पर बहुमत का आंकड़ा तय होता है.
इस परिस्थिति में सत्ता रहेगी बरकरार:-
मध्य प्रदेश में अगर कांग्रेस सरकार बहुमत साबित कर पाई तो सीएम कमलनाथ की सत्ता बरकरार रहेगी, वरना उन्हें इस्तीफा देना पड़ेगा.  बता दें, 15 मार्च को राज्यपाल ने सीएम कमलनाथ को विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा था. लेकिन 16 मार्च को सीएम ने ऐसा नहीं किया. जिसके बाद इसके खिलाफ पूर्व सीएम और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.