नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) से प्रभावित होने वालों का आंकड़ा लगतारा बढ़ता जा रहा है। अभी तक पूरी दुनिया में करीब चार लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित (Infected) हो चुके हैं। सबसे ज्यादा बुरी हालत चीन, ईरान, दक्षिण कोरिया और इटली की है। इस वायरस से मरने वालों में बुजुर्गों की संख्या ज़्यादा है। ऐसे में सवाल उठता है कि कोरोना से संक्रमित होने के बाद रिकवर (Recover) होने की कितनी संभावना रहती है।
इस सिलसिले में कुछ रिसर्चर्स ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित प्रति एक हज़ार व्यक्तियों में से नौ व्यक्तियों की मौत होने की आशंका होती है। यानी महज 100 व्यक्ति ही इसमें बच सकते हैं। वैसे संक्रमण से ठीक होने की संभावना व्यक्ति की इम्यूनिटी पर निर्भर करती है।
भौगोलिक वातावरण पर भी है निर्भर:-
इंपीरियल कॉलेज के शोध के मुताबिक़ कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में से कितने प्रतिशत की जान बच पाती है ये अलग-अलग देशों के स्वास्थ्य तंत्रों और वहां के भौगोलिक वातावरण पर निर्भर करता है। चीन और ठंडे देशों में रहने वालों की इमयूनिटी कम पाई गई है। जबकि भारत में रहने वालों की प्रतिरक्षा प्रणाली ज्यादा बेहतर पाई गई है। ज्यादातर भारतीय शाकाहारी खाना खाते हैं। साथ ही आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करते हैं। ऐसे में उन्हें इन चीजों का फायदा मिल सकता है।
उम्र है अहम फैैक्टर:-
शोध के मुताबिक कोरोना के संक्रमण से कौन से लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं और कौन कम, ये व्यक्ति की उम्र पर निर्भर करता है। जैसे हाल ही के आंकड़ों के मुताबिक इस संक्रमण से बुजुर्गों के मरने की तादाद ज्यादा सामने आई है। चीन के 44000 मामलों के विश्लेषण (Analysis) में सामने आया है कि कोरोना वायरस से बुजुर्गों के मरने की दर मध्य-उम्रवर्ग के लोगों की तुलना में दस गुना ज़्यादा थी। जबकि 30 साल से कम उम्र के लोगों में कोरोना से मरने वालों की संख्या सबसे कम पाई गई।
पुरुषों को ज्यादा खतरा:-
एक अन्य रिसर्च में पता चला कि कोरोना से संक्रमित लोगों में मरने वालों की तादाद पुरुषों की ज्यादा है। जबकि महिलाओं का इसका खतरा कम है। अध्ययन के दौरान पता चला कि ज्यादातर पुरुष स्मोकिंग (smoking) और ड्रिंक करते हैं इसलिए उनकी इम्यून पावर कम होती है। जिसके चलते वायरस उनके शरीर पर हावी हो जाते हैं। जबकि महिलाओं की रोगों से लड़ने (Immune Power) की क्षमता ज्यादा होती है।