दिल्ली। मध्यप्रदेश के कार्यवाहक सीएम कमलनाथ राज्यपाल को इस्तीफा सौंपकर सीधे सीएम हाउस चले गए। देर शाम ने उनसे मिलने के लिए बीजेपी के दिग्गज नेता शिवराज सिंह चौहान पहुंचे। शिवराज और कमलनाथ के बीच करीब बीस मिनट तक बात हुई। उसके बाद सीएम कमलनाथ सीएम हाउस में ही रहें। इस्तीफा देने के बाद शनिवार को वह दिल्ली के लिए रवाना हो गए। वहां उनकी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात होगी। सियासी गलियारों में चर्चा है कि इस दौरान कमलनाथ कम बैक प्लान पर बात करेंगे।
पंद्रह साल बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की वापसी हुई थी। हालांकि पहले ही दिन से यह सरकार बैशाखी पर चल रही थी। क्योंकि सरकार चलाने के लिए कांग्रेस के पास भी अपने उतने विधायक नहीं थे। निर्दलीय, सपा और बीएसपी के समर्थन से चल रही थी। वहीं, कांग्रेस पहले ही दिन से आपसी कलह से जूझ रही थी। बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस को अपने ही लोगों की वजह से परेशानी उठानी पड़ रही थी। लेकिन दिल्ली में बैठे केंद्रीय नेताओं ने कभी इसको सीरियसली नहीं लिया। उसी का नतीजा हुआ कि पंद्रह साल बाद बनी सरकार पंद्रह महीने में ही निपट गई।
वापसी का है मौका:-
हालांकि कांग्रेस के पास अभी भी सत्ता में कुछ महीनों बाद वापसी का मौका है। वर्तमान में कांग्रेस के पास 114 विधायक थे, 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद विधायकों की संख्या 92 है। ऐसे में 24 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 23 सीटों पर पूर्व में कांग्रेस का ही कब्जा था। ऐसे में पार्टी एकजुट होकर अगर इन सीटों पर मेहनत करती है तो शायद फिर से सत्ता में वापसी हो सकती है।
कम बैक प्लान पर सोनिया गांधी से करेंगे चर्चा:-
कमलनाथ ने 18 दिनों के सत्ता संघर्ष के बाद शुक्रवार को फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे दिया। नंबर गेम को देखते हुए उन्हें इस बात का अंदाजा था कि सदन के अंदर और किरकिरी होगी, उससे पहले ही उन्होंने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया। अब दिल्ली में सोनिया गांधी से प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने गए हैं।
सियासी जानकारों का मानना है कि इस दौरान वह कम बैक प्लान पर भी चर्चा करेंगे। साथ ही उन्हें बताएंगे कि सरकार को बचाने में कहां क्या कमियां रह गई। साथ ही प्रदेश के कद्दावर नेताओं की भूमिका पर भी सोनिया गांधी के साथ चर्चा करेंगे। उम्मीद है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद प्रदेश में कांग्रेस पर क्या असर पड़ेगा, इस पर भी दोनों में बात होगी।
कांग्रेस ने दिए संकेत:-
कांग्रेस ने कमलनाथ के इस्तीफे के बाद शुक्रवार को ही एक ट्वीट किया, जिसमें कुछ ही महीनों में सत्ता में वापसी के संकेत दिए हैं। एमपी कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा कि इस ट्वीट को संभाल कर रखना, 15 अगस्त 2020 को कमलनाथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर ध्वजारोहण करेंगे और परेड की सलामी लेंगे। ये बेहद अल्प विश्राम है।
क्या है मुश्किल:-
कांग्रेस को उम्मीद है कि उपचुनाव के जरिए हम कुछ महीनों बाद फिर से सत्ता में वापसी कर सकते हैं लेकिन इस राह में कई मुश्किलें हैं। क्योंकि जिन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं, वह चंबल संभाग का इलाका है। इस इलाके में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ-साथ बीजेपी के कई नेताओं का प्रभुत्व है। ऐसे में कांग्रेस को इन इलाकों में चुनौती भी जबरदस्त मिलने वाली है। इसके साथ ही पार्टी में गुटबाजी भी चरम है। इन मुश्किलों के पार पाने के लिए कमलनाथ कोई प्लान तैयार करते हैं, तभी सत्ता में वापसी संभव है।