शिवपुरी। कोरोना वायरस दुनियाभर के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गया है। इसे लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिक फिलहाल कोरोना को लेकर रिसर्च कर रहे हैं लेकिन जो बात अब तक निकल कर आई है उससे कोरोना को रोकने का सिर्फ एक मात्र साधन है सोशल डिस्टेंसिंग और घर के अंदर रहना। अब तक कोरोना को लेकर रहस्य बना हुआ है लेकिन कोरोना को लेकर अब तक कोई तोड़ नहीं मिला। लेकिन आपको बता दें की रहस्यों से साये में रह रहे Covid-19 वायरस की एक कमजोरी भी है।
दरअसल, कोरोना वायरस को संक्रमित से स्वस्थ व्यक्ति में पहुंचने के लिए एक सरफेस की जरूरत होती है। वहीं वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोना हवा या पानी में ट्रैवल नहीं कर सकता। इसे ही देखते हुए दुनियाभर के वैज्ञानिक इस बात पर सहमत हैं कि लोगों को घरों के भीतर रहना चाहिए और संक्रमित लोगों को स्वस्थ लोगों से एकदम अलग रखना चाहिए।
देश-प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या:-
वहीं भारत में देशव्यापी लॉकडाउन है, यहां कोरोना वायरस के मामले 649 हो गए और अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। जिनमें से 47 लोग ठीक भी हुए हैं। इधर मध्य प्रदेश में अब तक कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 20 पहुंच चुकी है, जिसमें एक महिला की मौत हो गई है। इसे रोकने के लिए फिलहाल प्रदेश में लॉकडाउन है। लेकिन लॉकडाउन के अलावा भी कई तरह के उपाय हैं जिनसे हम कोरोना वायरस से लड़ सकते हैं और उसे कंट्रोल में कर सकते हैं। एक्पर्ट्स का मानना है कि इन तरीकों से हम संक्रमण को काफी हद तक रोक सकते हैं।
सोशल डिस्टेंसिंग रखनी होगी:-
कोरोना चूंकी हवा और पानी से फैलने वाला वायरस नहीं है। इसलिये कोरोना को रोकने के लिए सबसे जरूरी है सोशल डिस्टेंसिंग। अब सोशल डिस्टेंसिंग और ग्लोबल लॉकडाउन ही इस खतरनाक वायरस को फैलने से रोक सकता है।
संक्रमित मरीजों की सही तरह से जांच:-
यह सुनिश्चित होना बहुत जरुरी है की मरीज की ठीक तरह से जांच हुई है और इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति जितने लोगों से संपर्क में था उन सभी व्यक्तियों की जांच हो। क्योंकि यह वायरस व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जल्दी फैलता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे हरेक व्यक्ति की जांच होनी चाहिए जो किसी भी कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आया हो. चीन के वुहान में भी यही तरीका अपनाया गया था।
कोरोना पॉजिटिव के लिए आइसोलेशन:-
कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के लिए आइसोलेशन बहुत जरुरी है। चीन में 75% से 80% तक संक्रमण परिवार से परिवार के बीच ही फैला। इसलिये संक्रमित व्यक्ति के लिए आइसोलेशन रूम या अस्पताल होना बहुत जरुरी है। इस बारे में Centers For Disease Control And Prevention का साफ कहना है कि घर की बजाए आइसोलेशन सेंटर बनाए जाएं, जहां सिर्फ मरीज ही हों और हेल्थ वर्कर्स।
हर जगह मास्क हो:-
सभी विशेषज्ञों का मानना है कि, बीमार को मास्क जरूर लगाना चाहिए। इससे वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने के चांसेस कम होंगे। इसलिए मास्क सबके लिए हो और हर जगह उपलब्ध भी हो।
बुखार होने पर जांच जरुरी:-
बुखार होना कोरोना के लक्षण में शामिल है। इसलिए अगर किसी भी व्यक्ति को तेज बुखार है तो उसे डॉक्टर से संपर्क जरुर कर लेना चाहिये। क्योंकि व्यक्ति को सही समय पर इलाज मिलने पर इसे हम आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं।
वेंटिलेटर और ऑक्सीजन:-
फार्मा में काम कर रही कंपनियों को ज्यादा से ज्यादा वेंटिलेटर और ऑक्सीजन तैयार करने चाहिए। क्योंकि अस्पतालों में मरीजों के लिए वेंटिलेटर कम होते हैं। लेकिन कोरोना जैसी बीमारी डायरेक्ट व्यक्ति के श्वसन तंत्र पर ही अटैक करती है और अगर ऐसी स्थिति में मरीजों की संख्या बढ़ती है तो संभालना मुश्किल पड़ सकता है।
वैक्सीन की खोज:-
कई कंपनियां कोरोना को खत्म करने के लिए इसपर काम कर रही है। फिलहाल अमेरिका के सिएटल में क्लिनिकल ट्रायल का पहला राउंड भी शुरू हो चुका है, जिसमें 45 लोग शामिल हैं। माना जा रहा है कि, अगर सब ठीक रहा तो सालभर के के अंदर कोरोना वायरस की वैक्सीन यानी टीका आ जाएगा।