Breaking

Monday, March 16, 2020

कमलनाथ ने मैदान छोड़ा, मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरना तय है'

भोपाल. मध्यप्रदेश में विधानसभा की कार्यवाही स्थागित होने के कारण फ्लोर टेस्ट टल गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने कोरोना वायरस का हवाला देते हुए विधानसभा की कार्यवाही भंग कर दी है। लेकिन फ्लोर टेस्ट नहीं कराने के कारण कमलनाथ सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दूसरी तरफ पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सीएम कमलनाथ पर हमला बोला है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ ने मैदान छोड़ दिया है और अब मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार का गिरना तय है।
सीएम को बताया रणछोड़:-
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ रणछोड़ दास हैं। शिवराज सिंह चौहान ने कहा- कमलनाथ जी की सरकार अल्पमत में है, बहुमत खो चुकी है। राज्यपाल महोदय ने सरकार को आदेश दिया था कि वो आज ही उनके अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्ट कराए। बहुमत होता तो सरकार को दिक्कत नहीं होती, लेकिन मुख्यमंत्री इससे बच रहे हैं। सरकार 'रणछोड़दास' बन गई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ जी को एक क्षण भी सरकार चलाने का अधिकार नहीं है।
सदन की जो एफेक्टिव संख्या है, उसे ध्यान में रखते हुए कांग्रेस के पास केवल 92 विधायक बचे हैं। यह बिलकुल स्पष्ट है कि बहुमत अब के पास है। अल्पमत की सरकार अब कोई निर्णय नहीं ले सकती। आज राज्यपाल महोदय ने हमें आश्वस्त किया है कि हमारे साथ ही सभी विधायकों के और प्रदेश की जनता के संवैधानिक अधिकारों की वे रक्षा करेंगे। हम देश की सर्वोच्च अदालत, माननीय सर्वोच्च न्यायालय भी पहुंचे हैं।
राज्यपाल का आदेश मानने के लिए बाध्य:-
जानकारों का कहना है कि कोई भी सरकार राज्यपाल के आदेश का उल्लंघन नहीं कर सकती है। सरकार को राज्यपाल का आदेश मानना ही होगा। राज्यपाल राज्य की विधानसभा का उसी तरह प्रमुख अंग है, जिस तरह राष्ट्रपति संसद का अंग हैं और प्रमुख भी हैं। लेकिन सदन कैसे चलेगा ये काम विधानसभा अध्यक्ष का है। लेकिन इसके बाद भी विधानसभा अध्यक्ष या कोई भी सरकार राज्यपाल के आदेश का उल्लंघन नहीं कर सकते हैं। उन्हें राज्यपाल की बात माननी होगी।
जानकारों का कहना है कि 16 कांग्रेस विधायकों के मामले में भी स्पीकर को जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए। लेकिन नियमों के अनुसार प्रावधान ये है कि जब तक स्पीकर आश्वस्त न हो कि इस्तीफे उन्होंने स्वेच्छा से दिया है, तब तक वो रोक सकतें हैं।