ज्योतिष डेस्क। देश व दुनिया कोरोना महामारी के चंगुल में है। रोज संक्रमितों व मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकार व समाज के प्रयास अपनी जगह हैं लेकिन इसे लेकर ज्योतिष की अपनी दृष्टि है। ज्योतिष पक्ष संकेत देता है कि आने वाले दिनों में कब और कैसे कोरोना संक्रमण समाप्त होगा। कोरोना वायरस का संक्रमण जनवरी के बाद तेजी से फैलना शुरू हुआ था। इससे पहले 26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण लगा था। ज्योतिषीय गणना के अनुसार यह ग्रहण नकारात्मक परिणाम देने वाला था, इसके चलते ही यह महामारी उत्पन्न हुई। लेकिन रोचक बात यह है कि ग्रहण से उपजा यह संकट ग्रहण से ही समाप्त होगा। आने वाले 21 जून को फिर से सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिषीय पक्ष की मानें तो इस ग्रहण के बाद ऐसे योग निर्मित होंगे, जिससे कोरोना का संक्रमण खत्म होना शुरू होगा और इसके बाद सितंबर तक यह पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा।
यह ज्योतिषीय दावा मध्यप्रदेश के सीहोर शहर में रहने वाले ज्योतिष पंडित डॉ.गणेश शर्मा ने किया है। उनका कहना है आगामी 21 जून, 2020 को जो सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, वह कंकणाकृति का है। इसका अर्थ यह है कि इससे कोरोना का रोग नियंत्रण में आना शुरू हो जाएगा। यह ग्रहण भारत में खंडग्रास रूप में दिखाई देगा। भारतीय मानक समय अनुसार ग्रहण का आरंभ दिन में 10 बजकर 42 मिनट पर होगा। ग्रहण का मध्य 12 बजकर 29 मिनट दोपहर पर होगा एवं इसका मोक्ष दोपहर 2 बजकर 7 मिनट पर होगा। ग्रहण की अवधि 3 घंटे की रहेगी। यह अधिकांश भू-मंडल पर दिखाई देगा।
यह है ज्योतिषीय आधार:-
13 अप्रैल को मलमास की समाप्ति हुई और 14 अप्रैल को सूर्य ने मेष राशि में प्रवेश किया है। राहु लगनस्थ और साथ ही शुक्र षष्टेश होकर शनि के साथ तृतीयस्थ है। तृतीय भाव श्वास नली, दमा, खांसी, फेफड़े, श्वास संबंधी बीमारी को समाप्त करेगा। ऑक्सीजन का कारक चंद्रमा नवसंवत 2077 में राजा बुध और चंद्र हैं। इसलिए 14 अप्रैल के बाद राहत मिलना शुरू हो चुकी है। कई राज्य इससे मुक्त हो जाएंगे और मरीजों की संख्या कम होती जाएगी। लेकिन एक बात प्रमुख है। 26 दिसंबर, 2019 को सूर्य ग्रहण के बाद इसका प्रभाव बढ़ना शुरू हुआ था एवं 21 जून, 2020 को पड़ने वाले सूर्यग्रहण पर इसका प्रभाव क्षीण होता जाएगा। भारत कोरोना पर शीघ्र व प्रभावी नियंत्रण करने वाला पहला देश होगा।
1 मई से शनि वक्री होगा, यह होगा असर:-
आगामी 1 मई से शनि वक्री होंगे। इससे भी कोरोना को भारत में प्रभावहीन करने में शनि व सूर्य ग्रहण की भूमिका प्रमुख रूप से रहेगी।
सितंंबर तक पूरा देश होगा मुक्त:-
भारत में श्रावण मास यानी सितंबर तक सभी राज्य इस बीमारी से मुक्त होने की संभावना रहेगी। 15 अप्रैल से राहत का आरंभ हो चुका है, यह अवस्था जून के अंत तक बनी रहने से और राहत मिलने की संभावना है।
(ज्योतिषीय गणना पं.गणेश शर्मा, सीहोर से चर्चा के अनुसार)