राजस्थान। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से कोटा में फंसे बच्चों को उनके घर भेजने की अपील की है. अशोक गहलोत ने कहा है कि कोटा में जो भी बच्चे फंसे हुए हैं उन्हें घर जाने देना चाहिए. उन्हें रोकना ठीक नहीं है. सीएम गहलोत ने कहा कि हमने अपनी बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है, हो सकता है उनके पास कोई फीडबैक हो जिसके कारण वो इजाजत नहीं दे रहे हैं. लेकिन मैं फिर भी मानता हूं कि कोटा में जो भी बच्चे फंसे हैं उन्हें घर जाने देना चाहिए. उनके मन में डर है.
अशोक गहलोत ने कहा कि इसी तरह से जयपुर के सीतापुरा में बहुत सारे प्रवासी मजदूर हैं जो घर जाना चाहते हैं. उन्हें भी घर भेजना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि 20 अप्रैल से जब लॉकडाउन में छूट दी जाएगी तो केंद्र सरकार इस पर विचार करेगी और उन्हें घर जाने देगी.
बता दें कि कोटा में उत्तर प्रदेश-बिहार-झारखंड समेत देश के दूसरे राज्यों के हजारों छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग विषयों की कोचिंग के लिए कोटा आते हैं. यह सभी छात्र 25 मार्च से फंसे हैं. चिंता की बात ये है कि इस शहर में तेजी से कोरोना का संक्रमण भी बढ़ रहा है. यहां पर अभी 60 से ज्यादा कोरोना के मरीज हैं. कोटा में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए छात्र और उनके परिवारवाले चिंतित हैं. छात्रों ने ट्विटर पर इसे लेकर एक अभियान भी चलाया है.
आगे आई यूपी सरकार:-
उत्तर प्रदेश के छात्रों को वापस लाने के लिए राज्य सरकार ने 200 से भी ज्यादा बसें राजस्थान के लिए रवाना की हैं. हालांकि मजदूरों को वापस लाने को लेकर अब तक कोई विचार नहीं किया गया है. उधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे बिहार के छात्र-छात्राओं और दिहाड़ी मजदूरों से अपील की है कि वह लॉकडाउन का पालन करें और जो लोग जहां हैं वहीं पर ठहरे रहें.