भोपाल. कोरोना के बढ़ते कहर और टेस्ट किट की कमी के चलते मध्यप्रदेश में पूल टेस्ट की तैयारी की जा रही है। इससे एक बार में अधिक लोगों के सैंपल का रिजल्ट पता चल सकेंगे। उत्तर प्रदेश के बाद मध्यप्रदेश दूसरा राज्य होगा, जहां पूल टेस्ट किया जा जाएगा। इसके तहत लोगों का गु्रप बनाकर मिक्स सैंपल का टेस्ट होगा। किसी गु्रप का रिजल्ट पॉजिटिव आता है तो उसके प्रत्येक व्यक्ति का अलग टेस्ट किया जाएगा। इससे तेजी के साथ बड़ी संख्या में टेस्ट कम से कम किट में किया जा सकेगा।
मध्यप्रदेश में कोरोना पॉजिटिव केस तेजी से बढ़ रहे हैं। संक्रमण तेजी से फैल रहा है, लेकिन सरकार के पास टेस्ट किटों की कमी है। अभी एक हजार टेस्ट रोजाना की क्षमता है। इसे पांच हजार टेस्ट प्रतिदिन तक करने का लक्ष्य है, लेकिन इसमें समय लगेगा। इस बीच संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, इस कारण पूल टेस्ट का रास्ता निकाला गया है। इसकी केंद्र से आई गाइडलाइन का मध्यप्रदेश की हाईपॉवर कमेटी अध्ययन कर रही है। एक-दो दिन में इस पर फैसला ले किया जाएगा। मध्यप्रदेश इस टेस्ट को किस प्रकार करना है इसकी रूपरेखा तैयार कर रहा है।
-कम मरीजों वाले जिलों पर होगा क्रियान्वयन:-
मध्यप्रदेश में जिन जिलों में कोरोना केस कम हैं, उनमें यह पूल टेस्ट किया जाएगा। इंदौर-भोपाल व उज्जैन जैसे हॉटस्पाट में प्रत्येक संदिग्ध मरीज का टेस्ट अनिवार्य है। पूल टेस्ट कम मरीज वाले जिलों में ही कारगर है, क्योंकि वहां किसी गु्रप की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर बाद में प्रत्येक का टेस्ट करने का समय मिल सकता है।
क्या है पूल टेस्ट:-
पूल टेस्ट में दस-बीस संदिग्ध मरीजों का सैंपल मिक्स करके एक ही किट से टेस्ट किया जाता है। इससे एक टेस्ट में ही दस-बीस मरीजों के गु्रप का रिजल्ट आता है। इसमें यदि कोई रिजल्ट पॉजिटिव आया, तो फिर गु्रप के प्रत्येक मरीज का अलग से टेस्ट किया जाता है। रिजल्ट नेगेटिव आने पर पूरे गु्रप को हटा दिया जाता है।
पूल टेस्ट के फायदे:-
टेस्ट किट की बचत होती है।, समय की बचत। ज्यादा टेस्ट।, पैसे की बचत। ज्यादा पहुंच।, फोकस टेस्ट होने से आसानी।, सरल तरीका व जल्द ग्रुप चयन।