नई दिल्ली: पूरी दुनिया जब कोरोना वायरस की उत्पत्ति और समय रहते इसकी जानकारी दुनिया को न देने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा रही है, उस वक्त में एक देश ने चीन के साथ हाथ मिलाया है. इसके जरिए वे मिलकर कोविड-19 के लिए वैक्सीन बनाना चाहते हैं.
दरअसल, कनाडा के नेशनल काउंसिल ने घातक कोरोना वायरस के खिलाफ एक टीका विकसित करने के लिए चीन के साथ हाथ मिलाया है. चीन की कंपनी और यहां की सेना द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किए गए एक वैक्सीन कैंडिडेट Ad5-nCoV का ट्रायल अब कनाडा में होगा. Ad5-nCoV ऐसा वैक्सीन कैंडिडेट है जिसे दुनिया भर में कई विकसित किए गए उम्मीदवारों में से सबसे तेजी से विकसित किया गया है. कनाडा ने अपनी मिट्टी पर इसके आगे के विकास का समर्थन करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें इसके मानव परीक्षण से लेकर इसका निर्माण तक शामिल है.
NRC के लाइफ साइंसेस के वाइस प्रेसिडेंट रोमन सूजम्स्की ने कहा, "हम कनाडा में सुरक्षा और प्रभाव के लिए इसका मूल्यांकन करने जा रहे हैं, जैसा कि चीन में पहले से ही किया जा रहा है. वैसे कनाडा अब फ्रंट-रनर के तौर पर इसका हिस्सा होगा." यदि परीक्षण सफल होते हैं, तो वैक्सीन उम्मीदवार स्ज़ुमस्की के अनुसार जल्द से जल्द आपातकालीन उपयोग के लिए स्वास्थ्य कनाडा की मंजूरी ले सकता है. यह वैक्सीन कैंडिडेट पहले से ही चीन में पहले और दूसरे चरण के हयूमन ट्रायल में है.
दोनों देशों के बीच यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब कोरोना वायरस और हुआवेई के मामले में चीन की राय में नई गिरावट आई है. कनाडा में इसे लेकर भी चिंताएं बढ़ रही हैं कि क्या Huawei अपने 5 जी इंफ्रास्ट्रक्चर को नुमति दे या नहीं. फरवरी में सामने आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कैसे कनाडा की सेना ने ट्रूडो को कनाडा की सुरक्षा के लिए हुआवेई के खतरों के बारे में चेतावनी दी थी. अब एक याचिका पर 1 लाख से अधिक लोगों द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं जो कनाडा में हुआवेई पर प्रतिबंध चाहते हैं.