नई दिल्ली। पुलवामा आतंकी हमले को लेकर फोरेंसिक एक्सपर्ट्स ने एक नया खुलासा किया है। उनके मुताबिक आतंकियों ने इसके लिए मिलिट्री आरडीएक्स का इस्तेमाल किया था। इसकी खासियत यही होती है कि यह दूसरे एक्सप्लोसिव की अपेक्षा अत्यधिक तीव्र होता है। आतंकियों को यह आरडीएक्स पाकिस्तान सेना के जरिए उपलब्ध करवाया गया था। आपको यहां पर बता दें कि पुलवामा हमले के लिए आतंकियों ने ईको वैन का इस्तेमाल किया था। इस हमले के लिए करीब भारी मात्रा में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था। जिस जगह पर धमाका हुआ वहां पर इसके चलते गड्ढा भी हो गया।
एक नया खुलासा-
पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद साक्ष्य जुटाने के लिए विशेषज्ञों की टीम वहां पहुंची थी। उनकी शुरुआती रिपोर्ट में इस बात की भी आशंका जताई गई है कि यह हमले से काफी पहले भारत लाया गया होगा। इसका इस्तेमाल कार बम के तौर पर आसानी से किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसको हमले से आठ किलोमीटर के दायरे में कहीं भी तैयार किया गया होगा।। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हमले के लिए आतंकियों ने 50-70 किलोग्राम आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक इसे तैयार करने के लिए पाकिस्तान से प्रशिक्षित आतंकी भारत आए थे। इतना ही नहीं हमले से कुछ वक्त पहले ही आतंकियों ने इसमें ट्रिगर स्विच, डेटोनेटर और पावर फ्यूज हमले से कुछ वक्त पहले ही लगाया गया था।
अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल-
हालांकि इस बारे में बात करते हुए रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बक्शी ने कहा कि यदि इसमें आरडीएक्स के इस्तेमाल की पुष्टि हो जाती है जो कि अभी तक नहीं की गई है, तो पाकिस्तान का सच दुनिया के सामने उजागर हो जाएगा। आरडीएक्स हाईली मिलिट्री एक्सप्लोसिव होता है जो किसी भी सूरत से भारत में बाहर नहीं आ सकता। उनके मुताबिक इस हमले में पाकिस्तान ने बेहद शातिर तरीके से अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया है। अमोनियम नाइट्रेट वही यूरिया होता है जिसका इस्तेमाल खेतों में उपज को बेहतर करने में किया जाता है। लेकिन यही यदि 200-300 किलो एक साथ इस्तेमाल किया जाए तो आरडीएक्स का काम करता है। ऐसे में यह किसी भी गाड़ी के परखच्चे उड़ाने में कामयाब होता है। यह भारी मात्रा में नुकसान पहुंचाता है। अपना हाथ छिपाने के लिए पाकिस्तान ने इसका इस्तेमाल किया होगा। नक्सली भी सुरक्षाबलों पर इसी तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह पाकिस्तान द्वारा हमला करने का नया पैटर्न है। जनरल बक्शी का कहना है कि पाकिस्तान ने सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि अपनी काली करतूतों को ईरान में भी अंजाम दिया है। वहां पर भी इसी तरह से ईरान के 28 रिवोल्यूशनरी गार्ड की जान ली गई है।
हमले के तरीके में बदलाव-
आपको यहां पर ये भी बता दें कि जम्मू कश्मीर में आईईडी विस्फोटों को अंजाम देने के लिए आतंकवादियों ने अपने तरीकों में बदलाव किया है। हाल की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि विस्फोट को अंजाम देने के लिए आतंकवादी वाहनों के रिमोट अलार्म या चाबियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। आशंका है कि हाल में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले में इसी तरीके को अपनाया गया है। एक मीडिया रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि 2018 के अंत में पाकिस्तान की सीमा से करीब 21 आतंकी भारत में दाखिल हुए थे। इनमें तीन आत्मघाती हमलावर भी शामिल थे। मसूद अजहर का भतीजा उमेर और कामरान इसका नेतृत्व कर रहे थे।