-खुले में पड़े हैं 2 वर्ष से प्लास्टिक के पाइप
-करैरा की 45 करोड़ की जल आवर्धन स्कीम खटाई मे
-5 से 6 करोड़ रुपए का हो गया भुगतान काम नहीं हुआ कुछ भी
-ठेकेदार व अधिकारियों की मनमानी के चलते नागरिकों को दस साल तक नही मिल सकेगा योजना का लाभ
-देश के महत्वपूर्ण अर्द्ध सैनिक बल भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के तीन हजार से अधिक जवानों को नही मिल पा रहा करोड़ो की योजना का लाभ
करैरा (शिवपुरी):- नगर पंचायत करैरा में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के प्रयासों से 45 करोड़ से अधिक की लागत से जल आवर्धन स्कीम अधिकारियों एवं ठेकेदार की मनमानी के चलते योजना खटाई में पड़ती नजर आ रही है। नगर को दो वर्ष पूर्व इतनी बड़ी योजना सौगात में मिली थी। जिसका जिम्मा म. प्र. अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी लिमिटेड (म. प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास बिभाग) को दिया गया है। इतनी बड़ी योजना का कार्य कोलकाता की कंपनी रियान वाटर टेक प्रायवेट लिमिटेड एवं पी सी स्नेहल कंस्ट्रक्शन कंपनी कोलकाता को दिया गया है। इस कंपनी द्वारा नगर पंचायत के पास एक करोड़ की लागत से पानी की उच्च स्तरीय टँकी (700 के एल) का निर्माण पिछले डेढ़ वर्ष से चल रहा है। मगर अभी कार्य मात्र 15% ही हो सका है। इस कार्य को 850 दिनों में पूर्ण करना था। जिसमे लगभग 670 दिन हो चुके है।एक करोड़ की लागत से बन रही पानी की टँकी के महीनों से खुले में पड़े सरिया जंग खाने से कमजोर हो गए। यह टँकी इन्ही सरियों पर बनी तो कभी भी धराशाही हो सकती है टँकी। इसी तरह पाइप लाईन बिछाने का कार्य भी 10 प्रतिशत मात्र ही हो सका है। यह पाइप लाईन बिछाने का कार्य शहर से शुरू करना था, मगर पहले शहर के बाहर शुरुआत की गई जो नियम विरुद्ध है। पाईप भी खुले में महीनों से पड़े है जिससे पाईप की क्षमता कम हो जाती है। समोहा से करैरा तक लगभग 10 किमी राइजिंग लाईन का कार्य की तो अभी शुरुआत ही नही हो सकी है। जो मुख्य कार्य है। यहां तीन पानी की टंकिया,इंटेक वेल, फिल्टर प्लांट सहित पूरे शहर में नई पाइप लाईन का कार्य होना था। शासन द्वारा 45 करोड़ से अधिक की योजना में इतना बिलम्ब जनता को राश नही आ रहा। नगर के नागरिक एवम जनप्रतिनिधियो ने भी असन्तोष जाहिर कर आंदोलन का मन बना रहे है। वही बिभाग के आला अधिकारियों का कहना है कि भोपाल से इस कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने हेतु दो नोटिस भी दिए जा चुके है। कार्य की प्रगति सन्तोष प्रद नही है। यही हाल रहा तो अगले 10 वर्षो तक भी इस योजना का लाभ नागरिकों को नही मिल सकेगा। इतनी धीमी गति से कार्य होने के बाद थोड़ा -थोड़ा कार्य करके छोड़ देने से आमजन भी परेशान है। थोड़ा कार्य टंकी का, थोड़ा कार्य लाईन का कर के छोड़ दिया गया है। पाइपों की खरीदी कर ली गयी है। जिससे भुगतान हो जाये। व इसका सीधा लाभ कम्पनी व अधिकारियों को हो सके। इंजीनियर चतुर्वेदी ने बताया कि लगभग एक करोड़ से अधिक का भुगतान भी किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि करैरा में 3000 से अधिक भारत तिब्बत पुलिस बल के सैनिक कार्यरत है, उनको भी इस योजना का लाभ मिलना था। यहाँ आईटीबीपी का ट्रेनिंग सेंटर भी है जिनको पानी का अभाव बहुत खलता है। आईटीबीपी की तीन कंपनियां तैनात है, उनमें आरटीसी, सपोर्ट बटालियन, वेपन ट्रेनिंग स्कूल सहित केंद्रीय विद्यालय भी स्थित है। सभी को इस योजना का लाभ मिलना था जो अभी तक नही मिल सका है। ठेकेदार द्वारा जो मजदूर काम के लिए बाहर से लाये गए थे वे सब्जी बेचकर अपने बच्चों का भरण पोषण करने को मजबूर हो रहे है। वे मजदूर अब कहा जाए क्योंकि काम कभी बंद व कभी चालू हो जाता है। उसका भुगतान भी समय पर नही हो पाता है।
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इनका कहना है-
इस योजना में देरी को लेकर मैं विधानसभा में प्रश्न लगाकर कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कराऊँगा।
जसमन्त जाटव, विधायक विधानसभा क्षेत्र, करैरा
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इतनी बड़ी योजना का लाभ अभी तक नही मिल सका। यह बेहद निंदनीय है। हमने काफी प्रयासों से माननीय सांसद श्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी से यह योजना स्वीकृत करवाई थी।
रणबीर सिंह रावत, पूर्व विधायक करैरा एवं प्रदेशाध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा मध्यप्रदेश भोपाल
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यहां के पूर्व सांसद एवम केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के प्रयासों से इतनी बड़ी योजना स्वीकृत हुई थी। मगर अभी कार्य मात्र 10 से 15 प्रतिशत भी नही हो सका है। इस कार्य मे प्रगति लाने हम नगर परिषद में बैठक भी आयोजित कर निर्णय लेंगे।
कोमल साहू, अध्यक्ष नगर परिषद करैरा
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जो कंपनी कार्य कर रही है उसका कार्य बहुत अधिक धीमे गति से काम किया जा रहा है। इसके कारण कार्य समय पर पूरा नही हो सकता है। भोपाल से उक्त कंपनी को नोटिस भी दिए जा चुके है।अगली कार्यवाही की जा रही है।
इंजीनियर अंशुल चतुर्वेदी, अर्बन कंपनी लिमिटेड नगरीय विकास विभाग ग्वालियर