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Wednesday, August 28, 2019

मुस्लिम सांसद बोले अटल, अरुण, सुषमा, मनोहर पर्रिकर, बाबूलाल गौर के बाद अब अगला नंबर PM मोदी का

लंदन। घटिया होने के लिए खून की तासीर घटिया होनी चाहिए फिर किसी भी पद पर बैठे हो आप औकात सामने आ ही जाती है। ब्रिटिश मुस्लिम सांसद लॉर्ड नजीर अहमद के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किए गए विवादित ट्वीट से सोशल मीडिया का माहौल गरम
बोले- अटल बिहारी वाजपेयी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, मनोहर पर्रिकर, बाबू लाल गौर के बाद अब अगला नंबर नरेंद्र मोदी का है
नजीर अहमद के इस आपत्तिजनक ट्वीट के बाद ट्विटर पर लोगों ने बेहद तीखी प्रतिक्रिया जताई,
ब्रिटिश संसद के उच्‍च सदन हाउस ऑफ लॉर्ड में आजीवन सदस्‍य नियुक्‍त किए गए पहले मुस्लिम सांसद लॉर्ड नजीर अहमद के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किए गए विवादित ट्वीट से सोशल मीडिया का माहौल गरम हो गया है। उन्‍होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व वित्‍तमंत्री अरुण जेटली, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज, मध्‍य प्रदेश के पूर्व सीएम बाबू लाल गौर, गोवा के पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर की एक साल के अंदर मौत हो गई। उन्‍होंने कहा कि अगला नंबर नरेंद्र मोदी का है।

पाकिस्‍तान में जन्‍मे लॉर्ड नजीर अहमद ने ट्वीट किया, ‘विपक्ष के बीजेपी पर जादू, टोना, तंत्र-मंत्र के दावे के बीच पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व वित्‍तमंत्री अरुण जेटली, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज, मध्‍य प्रदेश के पूर्व सीएम बाबू लाल गौर, गोवा के पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर की पिछले एक साल के अंदर मौत हो गई। अगला नंबर नरेंद्र मोदी का है।
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया:-
नजीर अहमद के इस आपत्तिजनक ट्वीट के बाद ट्विटर पर लोगों ने बेहद तीखी प्रतिक्रिया जताई है। केंद्रीय मंत्री किरण रिजूजू ने ट्वीट कर कहा, ‘इस तरह के ब्रिटिश प्रबुद्ध वर्ग के बीच मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि इस धरती पर कैसे-कैसे लोग आ गए हैं। क्‍या आप लोगों को मैनेज करके हाउस ऑफ लॉर्ड के सदस्‍य बन गए हैं।
बता दें कि ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड में उच्‍च शिक्षित और प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को सदस्‍य बनाया जाता है। केंद्रीय मंत्री ने नजीर अहमद के ज्ञान पर सवाल उठाया। यह वही लॉर्ड नजीर अहमद हैं जिन पर 1970 के दशक में एक बच्‍ची और एक बच्‍चे के साथ रेप करने के प्रयास और यौन उत्‍पीड़न का आरोप लगा है। ये दोनों बच्‍चे 13 साल से कम उम्र के थे। इस मामले की जांच वर्ष 2016 में शुरू हुई थी।