वॉशिंगटन. ओसामा बिन लादेन के बेटे हमजा बिन लादेन को मार गिराया गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर जानकारी दी है. डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि अल-कायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन के वारिस हमजा बिन लादेन को अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर पर आतंकवाद निरोधी कार्रवाई के तहत मार गिराया गया.
डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक बयान में कहा, हमजा बिन लादेन की मौत से न केवल अल-कायदा को चोट पहुंची है बल्कि इससे उसके पिता से प्रतीकात्मक संबंध भी खत्म हो गए हैं इससे अलकायदा की परिचालन गतिविधियां कमजोर पड़ेंगीं. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह नहीं बताया कि हमजा की मौत असल में किस जगह और किन परिस्थितियों में हुई. हमजा का आखिरी ज्ञात सार्वजनिक बयान 2018 में अल कायदा की मीडिया शाखा द्वारा जारी किया गया था.
हमजा ने उस संदेश में सऊदी अरब को धमकी दी थी और अरब प्रायद्वीप के लोगों को विद्रोह करने के लिए कहा था. सऊदी अरब ने इस साल मार्च में उसकी नागरिकता छीन ली थी.
अगस्त के पहले हफ्ते में भी आई थी मौत की खबर:-
अमेरिकी मीडिया ने अगस्त के पहले सप्ताह में जानकारी दी थी कि अमेरिका के दो साल चले ऑपरेशन के बाद हमजा बिन लादेन की मौत हो गई है. लेकिन डोनाल्ड ट्रंप और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इससे स्वीकार नहीं किया था और सार्वजनिक तौर पर इससे मानने से इंकार कर दिया था. हालांकि अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी मार्क एस्पर ने पिछले महीने हमजा की मौत की पुष्टि की थी.
ओसामा का 15वां बेटा था हमजा:-
ओसामा बिन लादेन के 20 बच्चों में से 15वें और उसकी तीसरी पत्नी का बेटा हमजा बिन लादेन करीब 30 साल का था. अल-कायदा में वह एक नेता के रूप में उभर रहा था. हमजा पर फरवरी 2019 में विदेश विभाग ने एक मिलियन डॉलर के इनाम की घोषणा की थी.
सामने आए हैं कई ऑडियो और वीडियो:-
विभाग के अनुसार कई बार 'क्राउन प्रिंस ऑफ जिहाद' की उपाधि पा चुके हमजा के ऑडियो और वीडियो मेसेज सामने आ चुके हैं, जिनमें वह अमेरिका और अन्य देशों में हमले की धमकी देता दिखता था. खासतौर पर मई 2011 में अमेरिकी सेना द्वारा मारे गए अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए हमजा के कई ऐसे वीडियो सामने आए थे. हमजा का काम अलकायदा की एक नई पीढ़ी को आकर्षित करना था जिन्होंने 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका पर हमले किए थे, जिसमें लगभग 3,000 लोग मारे गए थे.
2011 में उनके पिता की मौत और इस्लामिक स्टेट समूह के उदय के बाद से अल-कायदा ने युवा जिहादियों के बीच अपनी साख खो दी थी. हालांकि ये समूह अपने नेता अयमान अल-ज़वाहिरी के नेतृत्व में बड़े ही गुप्त तरीके से वापसी करने की कोशिशें कर रहा है.