उत्तराखंड। बारिश के कारण प्रकृतिक आपदाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शनिवार रात उत्तराखंड के चामोली जिले के घाट में भारी बारिश के कारण धुर्मा गांव के सामने मोक्ष नदी के मुहाने पर बादल फट गया।
बादल फटने के कारण पूरे इलाके के लोग पानी से परेशान हैं। धुर्मा इंटर कॉलेज सहित कई आवासीय मकानों पर खतरा मंडरा रहा है। इसके साथ ही नदी का कटाव भी बढ़ गया है, जिसके कारण कई नालियां और कृषि भूमि भी बह गई।
शुक्रवार देर रात भी तीन जगह फटा था बादल
बता दें कि इससे पहले शुक्रवार रात भी चमोली के गोविंदघाट और थराली के गुड़म गांव में व पिथौरागढ़ जिले के नाचनी क्षेत्र में बादल फटने के कारण भारी नुकसान हुआ था। इस दौरान टीमटीया में एक घर का मकान ढह गया था, जिसमें राम सिंह धर्मशक्तू नामक एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
वहीं इलाके के भैंसखाल पंचायत घर का आंगन पूरी तरह बह गया था। इस भीषण आपदा में चार घरों के जमींदोज होने की खबर थी। बता दें कि रामगंगा नदी अभी भी उफान पर है। क्षेत्र के सभी नदी नालों का जल स्तर बढ़ गया है। एसडीआएफ की टीम लोगों की सहायता के लिए हर पल तैनात है।
बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब यात्रा रुकी
बदरीनाथ हाइवे गोविंदघाट में अभी भी बंद है। यहां लोक निर्माण विभाग और बीआरओ की जेसीबी हाइवे को खोलने में लगी हैं। घांघरिया से तीर्थयात्री गोविंदघाट पहुच रहे हैं। इसके चलते बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा रुकी हुई है।
यात्रियों को वहां से निकालने के लिए बीआरओकी टीम गोविंदघाट में वैली ब्रिज लगाने की तैयारी कर रहा है। वहीं, गोविंदघाट गुरुद्वारे के पास आए मलबे को हटाने का काम भी अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
गोविंदघाट में बादल फटने से क्षतिग्रस्त हुए बदरीनाथ हाईवे को दुरुस्त होने में अभी करीब दो दिन का समय लग सकता है, जिसे देखते हुए चमोली जिला प्रशासन ने बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर जा रहे 1200 तीर्थयात्रियों को अलग-अलग स्थानों पर रोक दिया है।
गोविंदघाट में बदरीनाथ हाईवे क्षतिग्रस्त होने से करीब 400 तीर्थयात्रियों को बदरीनाथ धाम में ही रोका गया है। जबकि बदरीनाथ की यात्रा पर जा रहे करीब 700 तीर्थयात्रियों को जोशीमठ, पांडुकेश्वर और गोविंदघाट में रोका गया है। जबकि अलीगढ़ से आए 100 लोगों के जत्थे को श्रीनगर गुरुद्वारे में ही रोक दिया गया है।