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Monday, September 23, 2019

राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा सिम कांड, पेज एप्प, पेटीएम मामले में संवेदनशील क्यों नही है पुलिस...? लाखों के लेनदेन के चलते आरोपियों को बचाने की कवायद- सूत्र

शिवपुरी। करैरा के बहुचर्चित सिम कांड, पेज एप्प, पेटीएम मामला इतना गंभीर है कि इसके तार दिल्ली व अन्य राज्यों से जुड़े होकर हो सकता है कि आतंकवाद व नक्सलाइट तक जुड़े हो क्योंकि करैरा के कुछ सिम विक्रेता इस कांड से रातों रात लखपति से लेकर करोड़पति तक बन चुके है। जिनके पास कुछ नही था आज वह लाखों में खेल रहे है। इसी के चलते मामला संवेदनशील लगता है क्योंकि इन सिमों से इतना अधिक रुपया अवैध कृत्य कारित करने वाले ही दे सकते है। जिसके चलते देश की सुरक्षा को खतरे से इनकार नही किया जा सकता। लेकिन हमारी पुलिस इस मामले को संजीदगी से नही ले रही है आखिर पुलिस ऐसा क्यों कर रही है यह बात पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान बनी हुई है...? सूत्रों की माने तो पुलिस के एक अधिकारी की इसमें लाखों की डील के चलते मामला ठंडे बस्ते में डालने की कवायद शुरू हो गयी है। जिसके चलते इन आरोपियों को अभयदान दिया जा रहा है। सूत्रों की माने तो कुछ दिन पूर्व दिनारा पुलिस ने भी इनमें से कुछ विक्रेताओं को रंगे हाथों पकड़ा था उनकी ही निशानदेही पर दिनारा पुलिस द्वारा करैरा नगर से भी 3-4 सिम विक्रेताओं को उठाया गया था लेकिन मामला रफा-दफा कर दिया गया व उनको छोड़ दिया गया जिसके चलते सिम कांड की दिनारा पुलिस की जांच सवालों के घेरे में बनी हुई है। उक्त मामले में सबसे प्रथम धोखाधड़ी का अपराध बनता है कि ग्राहक को बिना बताए अवैध तरीके से सिम उसके नाम से एक्टिवेट क्यो की लेकिन फिर भी इनपर कार्रवाई नही करना समझ से परे है।
पुलिस अधिकारियों की क्या है मंशा:-
इतने बड़े मामले को हल्के में लेकर पुलिस के अधिकारी क्या करना चाहते है यह बात जनचर्चा का विषय बनी हुई है। क्योंकि दिनारा पुलिस की मंशा स्पष्ट होने के बाद भी जांच उनके पास क्यों है। जबकि उक्त मामला करैरा थाना क्षेत्र का है फिर इस मामले की जांच करैरा पुलिस क्यों नही कर रही इसके अलावा वर्तमान में सुरवाया थाने पर पदस्थ तेज तर्रार थाना प्रभारी रविन्द्र सिकरवार को यह जांच क्यो नही दी जा रही उनके द्वारा पूर्व में कई बड़े-बड़े संवेदनशील मामलों को अपनी तेज-तर्रार कार्यशैली के चलते निपटाया गया है। वही थाना अमोला पुलिस को भी यह जांच दी जा सकती है दतिया में पदस्थ रहते कई मामलों में अमोला थाना प्रभारी रिपुदमन सिंह राजावत ने अपनी शानदार कार्यशैली से खत्म किया है। लेकिन अधिकारियों की आखिर क्या मंशा है यह समझ से परे है।
क्या है मामला:-
कस्बे के कुछ सिम विक्रेताओं के द्वारा पहले पेज एप्प व पेटीएम के माध्यम से लाखों करोड़ों की धोखाधड़ी की गई जिसमें उनके द्वारा उनकी दुकान पर सिम लेने आने वाले ग्राहक के दस्तावेजों के माध्यम से उनकी बिना जानकारी के अवैध रूप से विक्रेता सिमे एक्टिवेट कर लेते है फिर उनके ही नाम से अकाउंट बनाते है और फिर उससे एप्प के माध्यम से पैसा निकालने के बाद उन सिमो को दिल्ली सहित अन्य राज्यों में ले जाकर महंगे दामों पर बेच देते है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर 10-20 रुपये की बिकने वाली यह सिमे हजारो में क्यों बिकती है...? कारण स्पष्ट है कि निश्चित रूप से उक्त सिमो का इस्तेमाल गलत हाथों से हो रहा है जो देश की सुरक्षा को खतरे की घंटी है।
जिम्मेदार कौन होगा...?:-
यदि इन सिम कांड फर्जीवाड़े के चलते देश की आंतरिक सुरक्षा में गड़बड़ी हुई या इन सिमो का इस्तेमाल आतंकवादी ओर नक्सलियों द्वारा किया जा रहा हो तो कोई भी बड़ी घटना को अंजाम देने में इनका इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन यदि ऐसा हुआ तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। पुलिस को जानकारी होने के बाद भी मामले कार्रवाई नही करने वाली पुलिस या इन सिमो को अवैध तरीके से बेचने वाले इन विक्रेताओं की....?