भोपाल. मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार दिवाली से पहले महिलाओं को बड़ा तोहफा देने जा रही है. मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार ने महिलाओं को प्रॉपर्टी में हिस्सेदार बनाने पर 'तोहफा' देने का निर्णय लिया है. इसके तहत महिलाओं को जायदाद में हिस्सेदार बनाने पर पुरुषों को रजिस्ट्री में रियायत मिलेगी. यानी अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने में घर की महिलाओं को पार्टनर बनाते हैं तो रजिस्ट्री कराने में आपको सिर्फ 1100 रुपये देने होंगे. प्रदेश सरकार अचल संपत्ति के सह स्वामित्व विलेख के खर्च में संशोधन करने वाली है.
होगा बड़ा फायदा:-
दिवाली से पहले कमलनाथ सरकार के महिलाओं के हित में बड़ा फैसला लेने से प्रदेश की बड़ी आबादी को फायदा होने की उम्मीद जताई जा रही है. सरकार की मंशा है कि परिवार के पुरुष सदस्य अगर अपनी पत्नी, बेटी या बहू को अचल संपत्ति में हिस्सेदार बनाते हैं तो उन्हें रजिस्ट्री में फायदा दिया जाएगा. महिला के नाम पर रजिस्ट्री महज 1100 रुपए में होगी. कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से पहले यह वचन दिया था, जिसे वह अब पूरा करने जा रही है. अचल संपत्ति खरीदने पर अब तक रजिस्ट्री का खर्चा लोगों पर भारी पड़ता रहा है. लेकिन अब महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री कराने से ना सिर्फ परिवार को फायदा होगा, बल्कि महिलाएं भी सशक्त औऱ मजबूत हो सकेंगी.
अभी होता है बड़ा खर्च:-
प्रदेश में अभी तक किसी भी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने पर सरकारी कीमत की 5.3 फीसदी राशि खर्च होती है. लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद इस राशि को भी शून्य किया जा रहा है. सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह का कहना है कि इस फैसले को लेकर मंत्रिमंडल में भी चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि यह फैसला लेने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ की तारीफ की जानी चाहिए. फैसले से महिलाओं को सबसे ज्यादा फायदा होगा, क्योंकि इससे घर के बाहर भी उनकी बात को तवज्जो दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं को 50 प्रतिशत तक अधिकार देने की तैयारी में है. रोजगार, व्यापार और ठेकेदारी में उन्हें आगे लाने की नीति पर काम किया जा रहा है. मंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए बहुत उदार नीतियां लाकर उन्हें और मजबूत बनाया जाएगा.
ज्यादातर योजनाएं की बंद:-
इधर, कमलनाथ सरकार के फैसले पर भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि बहुत कम महिलाओं को ही इस फैसले से फायदा होगा. उन्होंने आरोप लगाया कि महिलाओं के सशक्त करने वाली ज्यादातर योजनाएं बंद करने का काम कमलनाथ सरकार ने किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार ने स्वसहायता समूह, जिसमें महिलाओं को सरकारी मदद मिलती थी, बंद कर दी. गर्भवतियों को 16 हजार रुपए देने की योजना बंद कर दी. अग्रवाल ने कहा कि गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय परिवार की महिलाओं के लिए चल रही योजनाओं को सरकार ने बंद कर दिया है और अब प्रॉपर्टी खरीदने में छूट देने की बात कर रही है. रजनीश अग्रवाल ने पूछा कि प्रॉपर्टी कितने लोग खरीदेंगे, कितनों को इससे फायदा होगा, यह बड़ा सवाल है. जो योजनाएं चलाई जा रही थीं, पहले उनको चलाएं.