शिवपुरी जिले के खरई तेंदुआ बैरियर पर तैनात लठैतों के हावभाव और फिल्मी स्टाईल में चल रही अवैध वसूली के अंदाज को देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे परिवहन विभाग ने अपने इस बैरियर को अघोषित रूप से ठेके पर उठा लिया है। कटरों के नाम से इस बैरियर पर तैनात इन लठैतों के आगे परिवहन विभाग के वर्दीधारी कर्मचारियों की भी कोई हैसियत नजर नहीं आती। आरटीओ से सीधे संपर्क रखने वाले कटर बैरियर पर तैनात होकर परिवहन कर्मचारियों को आंखें दिखाने से भी नहीं चूकते। संभवत: यही कारण है कि इस बैरियर की राजस्व आय के ग्राफ में निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही है।
खरई तेंदुआ बैरियर से जुड़े लोग बताते है कि यह बैरियर कभी समूचे मप्र में परिवहन विभाग की आय का सबसे बड़ा स्त्रोत माना जाता था लेकिन यहां कटरों की तैनाती के बाद इस बैरियर के राजस्व आय का ग्राफ इतनी तेजी से गिरा है कि अब इस बैरियर का नाम मप्र के सबसे कम राजस्व आये वाले बैरियरों में शुमार हो गया है। परिवहन आयुक्त ने भी स्थानीय पत्रकारों से चर्चा के दौरान स्वीकार किया था कि खरई तेंदुआ बैरियर की राजस्व में गिरावट आई है। इस बैरियर पर तैनात अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी संदिग्ध प्रतीत होती है। इस बैरियर की घटती राजस्व आय के लिए कटरों द्वारा की जा रही अवैध वसूली और कूपन प्रणाली को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार कूपन फाड़कर की जा रही अवैध वसूली का पूरा लेखा जोखा कटरों के पास रहता है और इस राशि में से बटोने की तर्ज पर नीचे से ऊपर तक बंदरबांट किया जाता है।
सत्ता में बैठे अपने रिस्तेदार की दम पर हो रही अबैध बसूली:-
खरई परिबहन चेक पोस्ट पर प्रभारी द्वारा बीच रोड पर खुलेआम अबैध बसूली करबाई जा रही है। बाहन चालको से गुंडो के माध्यम से अपने सरकार में बैठे आकाओ के नाम की धौंश बताकर करबा रहे है अबैध बसूली। लेकिन पता नही वरिष्ठ अधिकार सब कुछ पता होने के बाद भी कार्यवाही से परहेज क्यो कर रहे है।
बेरियल पर 200 से 250 गाड़ियों की लिस्ट:-
परिबहन चेक पोस्ट खरई पर हर माह 1 से 10 तारीख के बीच में 200 से 250 गाड़िया जो बिना राजस्व दिए निकलती है उनसे 5000 तक प्रति गाड़ी का हर माह बैरियल प्रभारी लेता है और इस अबैध बसूली के पैसे का बंदरबांट लिफाफों में बंद कर प्रभारी शिवपुरी जिले सहित प्रदेश तक दलालो के माध्यम से पहुचाता है जिससे जिम्मेदारों की मूक सहमति बनी रहे जिसके चलते यहां से लेकर भोपाल तक हमाम में सभी नंगे बने हुए है।
आपसी टांग खिंचाई बनी चर्चा का विषय:-
उक्त बेरियर की अवैध कमाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले लंबे समय से यहां दो प्रभारी खरई बेरियर पर कब्जे को लेकर आपसी टांग खिंचाई में लगे रहते है। कभी यह तो कभी वो प्रभारी बन जाते है। जिसके चलते विभाग में भी यह मामला चर्चा का विषय बना रहता है ऐसा लगता है मानो यह बेरियर सरकार का ना होकर इनकी जागीर हो।