सतना: हिरासत में मौत (custodial death) के बाद नागौद थाना पुलिस (Nagaud, Police station) पर बर्बरता का आरोप लगा है. यह पूरा मामला सिलाई की छोटी से दुकान चलाने वाले युवक की हिरासत (custody) में मौत से जुड़ा है. दरअसल, पुलिस ने सट्टे खेलने के शक में इस युवक को हिरासत में लिया था. थाने मे पूछताछ के दौरान युवक की संदेहास्पद रूप से मौत हो गई थी. इस मामले में, पुलिस युवक को अस्पताल लेकर पहुंचे और उसे वहीं छोड़कर नदारद हो गई.
वहीं, पुलिस कस्टडी में मौत की खबर फैलते ही सैकड़ो लोग एकत्रित होकर धरना-प्रदर्शन करने लगे. मामला नियंत्रण से बाहर होता देख पुलिस के आला अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों के सामने न केवल अपनी गलती मानी, बल्कि पुलिस कर्मचारियों के साथ टीआई पर कार्रवाई का आश्वासन दिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए पहले न्यायिक जांच (judicial inquiry) के आदेश दिए गए और बाद में, 8 पुलिस कर्मियों के निलंबत कर टीआई को लाइन हाजिर कर दिया गया.
मृतक को अस्पताल में छोड़ नदारद हुए पुलिस कर्मी:-
सूत्रों के अनुसार, नागौद कस्बे में रामलला नामदेव नाम के युवक सहित तीन लोगों को नागौद पुलिस ने सट्टा खेलने के आरोप में हिरासत में लिया था. पुलिस थाने में पूछताछ के दौरान रामलला अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा. रामलला की यह हालत देख मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों के हाथ पांव-फूल गए. आनन-फानन वे रामलला को लेकर स्थानीय अस्पताल पहुंचे और उसे वहीं छोड़कर नदारद हो गए. वहीं, मेडिकल चेकअप के बाद डाक्टर्स ने रामलला को मृत घोषित कर दिया.
पुलिस हिरासत में मौत की खबर आग की तरह फैल गई. देखते ही देखते पूर्व कांग्रेसी विधायक यादवेंद्र सिंह के नेतृत्व में शव रखकर प्रदर्शन शुरू हो गया. पुलिस भी लाव लश्कर के साथ अस्पताल पहुंच गई. प्रदर्शन तेज होता देखकर पुलिस को स्थिति काबू से बाहर जाती दिखी. मामले को संभालने के लिए जिला कलेक्टर भी मौके पर पहुंच गए. लोगों के गुस्से को शांत करने के लिए उन्होंने आनन-फानन न्यायिक जांच के आदेश भी दे दिए.
कलेक्टर ने दिया 3 लाख रुपए की सहायता दिलाने का आश्वासन:-
वहीं, सतना एसपी ने हिरासत में लेने वाले एक एसआई सहित आठ पुलिस जवानों को प्रथम दृस्था दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया. इसके अलावा, टीआई अरुण सोनी को लाइन अटैच कर दिया गया. सतना एसपी ने माना कि युवक रामलला नामदेव की मौत पुलिस हिरासत में हुई है. उन्होंने आश्वासन दिया कि न्यायिक जांच के बाद दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
वहीं, जिला कलेक्टर ने मृतक के परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए दस हजार रुपए और आर्थिक सहायता के तौर पर दो लाख रुपये देने की घोषणा कर दी. इतना ही नहीं, जिला कलेक्टर ने तीन लाख मुख्यमंत्री सहायता कोष से दिलाने का आश्वासन भी दिया है. मृतक का नाम बीपीएल में जोड़ा गया और पेंशन भी स्वीकृत कर दी गई. इन घोषणाओं के बाद, मृतक का पोस्ट मार्टम नागौद कोर्ट के जज की मौजूदगी में तीन डाक्टर्स की टीम ने किया.
निलंबित होने वाले पुलिस कर्मी:-
सतना पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल ने थाना प्रभारी थाना नागौद अरुण सोनी को लाइन अटैच किया है, जबकि सहायक उप निरीक्षक उमेश तिवारी, प्रधान आरक्षक पुष्पराज सिंह, आरक्षक आकाश द्विवेदी, आरक्षक निरंजन मेहरा, आरक्षक मोहित प्रजापति, महिला आरक्षक जया सिंह, प्रधान आरक्षक चालक धनेंद्र दहिया, आरक्षक संतराम प्रजापति को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.