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Tuesday, October 1, 2019

भारत सरकार ने लॉन्च किया गाय के गोबर से बना साबुन और शैम्पू , यहां से खरीद सकते हैं आप

नई दिल्ली. देश में प्लास्टिक की बोतल की जगह जल्द बाजार में बांस की बोतल आने वाली है. खादी ग्रामोद्योग आयोग (Khadi and Village Industries Commission) ने गाधी जयंती (2nd October) से पहले बांस की इस बोतल को लॉन्च कर दिया है. इसके अलावा सोलर वस्त्र (सोलर चरखा से बना), गोबर से बना साबुन और शैम्पू, कच्ची घानी सरसो तेल सहित कई उत्पाद लॉन्च किए गए हैं. 2 अक्टूबर के दिन देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर खादी उत्पादों पर काफी छूट मिलेगी. इसके साथ ही सरकार ने घोषणा की है खादी ग्रामोद्योग आयोग अब रोजगार भी देगा.
आइए जानें गोबर से बने साबुन के बारे में:-
खादी ग्रामोद्योग आयोग Khadi and Village Industries Commission के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने CNBC आवाज़ को दिए एक खास इंटरव्यु में बताया है कि प्लास्टिक बोतल की जगह लॉन्च की गई बांस की बोतल की क्षमता कम से कम 750 एमएल है. इसकी शुरुआती कीमत 300 रुपये तय की गई है. यह बोतल पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ टिकाऊ भी है.
साथ ही, खादी ग्रामोद्योग ने गाय के मूत्र और गोबर से साबुन बनाई है. इस पर विनय कुमार सक्सेना बताते हैं कि ये सभी टेस्ट में सफल रहा है. यह त्वचा के लिए बहुत ही लाभकारी है. इसके अलावा खादी ग्रामोद्योग के सभी स्टोर पर कई प्रोडक्ट्स बड़े डिस्काउंट पर मिल रहे है. बांस की बनी पानी बोतल की कीमत 560 रुपये और 125 ग्राम का साबुन का दाम 125 रुपये है.
सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को गाय के गोबर और बांस की बनी पानी की बोतलें पेश की. इन उत्पादों को खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने तैयार किया है.
मंत्री ने मंगलवार को गांधी जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम में कहा कि वह जैविक खेती और उसके लाभ के पुरजोर समर्थक है. सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे गडकरी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाली निर्यात इकाइयों से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने को कहा है.
उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने एक योजना का प्रस्ताव किया है जिसके तहत इस प्रकार की एमएसएमई इकाइयों में 10 प्रतिशत इक्विटी भागीदारी केंद्र सरकार की होगी.
गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमने एक योजना तैयार की है और उसे वित्त मंत्रालय के पास भेजा है जहां 10 प्रतिशत इक्विटी का योगदान सरकार करेगी.
मंत्री ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) को अगले दो साल में 10,000 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करना चाहिए और खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित करने चाहिए.