भोपाल. मध्य प्रदेश में कलेक्टर (Collector) ही सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) में आने वाली शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहे. सिर्फ एक या दो जिलों की बात नहीं बल्कि सभी 52 जिलों का यही हाल है. शिकायतें पेंडिंग हैं, उनका निपटारा करने वाला कोई नहीं. कलेक्टरों के इस रवैए पर सीएम हेल्पलाइन का स्टाफ गुस्से में है. जानकारी के मुताबिक कलेक्टर सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहे. ये खुलासा सीएम हेल्पलाइन कार्यालय की रिपोर्ट में हुआ है. दफ्तर ने सितंबर की रिपोर्ट जारी की है. इसमें ये बात सामने आई है कि 181 सीएम हेल्पलाइन नंबर पर आई शिकायतों को 52 जिलों में से एक भी कलेक्टर निल नहीं कर पाए हैं.
ये हाल तब है:-
जब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का जल्द निपटारा करने के लिए कहा है. निर्देश में कलेक्टरों को साफ तौर पर कहा गया है कि जिला स्तर की शिकायतों को विभाग स्तर पर पहुंचाने के लिए कलेक्टरों को जिम्मेदार माना जाएगा. उसके बाद भी कलेक्टरों ने इस पर ध्यान नहीं दिया. कलेक्टरों के इस रवैए पर सीएम हेल्पलाइन कार्यालय ने नाराजगी जताई है. साथ ही उन्हें फिर से निर्देश दिए हैं कि अधीनस्थ अफसरों पर दवाब बनाएं कि शिकायतों पर ध्यान दें और उन्हें समय पर निपटाएं.
सितंबर में सबसे ज़्यादा शिकायतें:-
सितंबर के आंकड़ों पर नजर डालें तो स्वास्थ्य विभाग में सबसे ज्यादा 3784 शिकायतें दर्ज करायी गयीं. ये वो महीना होता है जब मौसमी बीमारियों के कारण लोग सबसे ज्यादा परेशान रहते हैं. उसके बाद नगरीय विकास एवं आवास में 3614, ऊर्जा विभाग में 2526, पंचायत एवं ग्रामीण विकास 1633,खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति 1536, राजस्व-1249,स्कूल शिक्षा 1110, गृह 553 और सामान्य प्रशासन विभाग में कुल 563 शिकायतें दर्ज की गयीं.
जिलावार शिकायतें:-
इस दौरान सीएम हेल्प लाइन में जबलपुर के लोगों ने सबसे ज्यादा 1043 शिकायत दर्ज करायी. उसके बाद राजधानी भोपाल का नंबर आया, जहां 1020 लोग अपनी शिकायत लेकर सीएम हेल्पलाइन में आए. उसके बाद रीवा में 1009, सतना- 985, इंदौर- 896, भिंड- 894, सागर- 843, मुरैना- 753 और दतिया में 586 लोग किसी ना किसी वजह से परेशान थे और अपनी शिकायतें लेकर यहां पहुंचे थे.
ये विभाग रहे शिकायत मुक्त:-
मध्य प्रदेश शासन के कुछ विभाग ऐसे भी रहे जिनसे लोगों को कोई शिकवा-शिकायत नहीं है. जैव विविधता एवं प्रौद्योगिकी, जन शिकायत निवारण, उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, विधि एवं विधायकी, विमानन विभाग, संसदीय कार्य, पर्यटन और पंजीयक एवं मुद्रांक विभाग से जनता को कोई शिकायत नहीं है.