भोपाल। हनीट्रैप मामले में दो मंत्रियों के विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी (ओएसडी) के नाम आने के बाद अब उनके ऊपर गाज गिरना तय हो गया है। मानव तस्करी से जुड़े मामले में एसआईटी द्वारा पेश चालान में हरीश खरे और अरुण निगम के नाम आए हैं।
खरे खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और निगम खनिज साधन मंत्री प्रदीप जायसवाल के यहां पदस्थ हैं। तोमर ने खरे की सेवाएं वापस लौटाने संबंधी प्रक्रिया संबंधी पूछताछ की है। बताया जा रहा है कि इसको लेकर पत्र भी एक-दो दिन में सामान्य प्रशासन विभाग पहुंच जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि चालान में नाम आने के बाद अब इन्हें मंत्री के विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी जैसे महत्वपूर्ण पद पर नहीं रखा जा सकता है। अपनी छवि को लेकर खासे चिंतित रहने वाले तोमर ने खरे की सेवाएं वापस लौटाने को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से बात भी की है।
अधिकारियों ने उन्हें सलाह दी है कि वे नोटशीट लिखकर भेज दें कि तत्काल सेवाएं वापस ले ली जाएं तो आदेश जारी कर दिए जाएंगे। निगम भाजपा सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रहीं रंजना बघेल के स्टाफ में पदस्थ रह चुके हैं। वहीं, खरे भी पूर्व में मंत्रियों के यहां रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मंत्रियों के स्टाफ के व्यवहार को लेकर सत्तापक्ष के विधायक सवाल उठा चुके हैं। यह बात भी उठ चुकी है कि अधिकांश मंत्रियों के यहां स्टाफ वही है जो भाजपा सरकार के वक्त मंत्रियों के यहां हुआ करता था।