इंदौर। लूट-डकैती और जानलेवा हमले के आरोपित पूर्व पार्षद अनवर कादरी उर्फ डकैत ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर से बना हथियार लाइसेंस थाने में जमा करवा दिया। उसने खुद को ठेकेदार और आतंकियों से जान का खतरा बताकर रामबन से रिवॉल्वर और बंदूक का लाइसेंस बनवाया था। पुलिस ने लाइसेंस की नए सिरे से जांच शुरू कर दी है। गृह मंत्रालय और सीबीआई को भी रिपोर्ट भेजी जा रही है। सदर बाजार निवासी पूर्व पार्षद अनवर खान कादरी उर्फ अनवर डकैत पर कई केस दर्ज हैं। उसने वर्ष 2003 में जम्मू-कश्मीर की सीमा स्थित रामबन से साथी शादाब खान के साथ रिवॉल्वर और बंदूक का लाइसेंस बनवाया था। उस वक्त राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। अनवर उस वक्त जेल से छूटा था। दुश्मनी के चलते वह जम्मू चला गया और खुद को ठेकेदार बताया।
रामबन में श्रीवास्तव नामक एक अफसर से संपर्क किया और ऑल इंडिया आर्म्स लाइसेंस बनवा लिया। उसने अमरनाथ हथियार कारखाने से रिवॉल्वर और जम्मू से 12 बोर की बंदूक खरीद ली। इस दौरान वह कठुआ से रिन्यूवल भी करवाता रहा। हाल ही में सीबीआई द्वारा जम्मू-कश्मीर में लाइसेंस बनवाने के मामले में छापा मारने पर अनवर मंगलवार को सदर बाजार थाने पहुंचा और लाइसेंस व हथियार जमा करवाए। उसने कहा कि लाइसेंस की वैधता समाप्त हो रही है। जम्मू से एनओसी लाने के बाद उसकी एंट्री करवाएगा।
लाइसेंस निरस्ती की कार्रवाई करेगी पुलिस:-
टीआई अजय वर्मा के मुताबिक, अनवर के विरुद्ध कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। इसके बाद भी उसने हथियार का लाइसेंस बनवा लिया। लाइसेंस निरस्ती के लिए पत्र भेजा जा रहा है। मामले में एक वर्ष पूर्व भी गृह मंत्रालय और सीबीआई को पत्र भेजा जा चुका है। सीबीआई द्वारा कार्रवाई करने के बाद दोबारा रिपोर्ट भेजी जाएगी।
बिल्डर और नेताओं ने भी नगालैंड से बनवाए फर्जी लाइसेंस:-
उधर, क्राइम ब्रांच ने नगालैंड से बने फर्जी लाइसेंस की दोबारा जांच शुरू कर दी है। इसमें बिल्डर, नेता, फाइनेंसर और कारोबारी शामिल हैं। एएसपी अमरेंद्र सिंह के मुताबिक, सूची में गिरीश ठक्कर, सुरेंद्र ठक्कर, राजू मच्छी, अरविंद गुप्ता, अरविंद सिंह, शैलेंद्र शारड़ा, पवन मंगरिया, उमेश पटेल, अभिषेक तिवारी, संजय जाट, मुकेश चावड़ा, आलोक चौहान, दिनेश बेनीवाल, उमेश पटेल, गब्बर सिंह, प्रदीप कुमार, सुनील वाजपेई सहित कई लोग शामिल हैं।