नई दिल्ली। स्मार्टफोन के खरीददारों को जल्द डिस्काउंट और अट्रैक्टिव ऑफर मिल सकते हैं। असल में टॉप 5 ब्रैंड अपनी ऑनलाइन और ऑफलाइन इनवेंटरी निकालने में जुटे हैं। ऐनालिस्ट्स का कहना है कि इनवेंटरी का सबसे ज्यादा दबाव दुकान वालों पर बन रहा है। इनकी ज्यादा इनवेंटरी की समस्या मार्च खत्म होने तक बनी रह सकती है। इंडस्ट्री पर नजर रखने वाले जानकारों ने बताया कि ऑनलाइन और ऑफलाइन बिक्री पर जोर देने वाली शाओमी, रियलमी और सैमसंग दिसंबर क्वॉर्टर में पुराने मॉडल्स का स्टॉक खत्म नहीं कर पाई हैं, लेकिन इनकी तरफ से नए डिवाइस की लॉन्चिंग में कोई कमी नहीं है। खासतौर पर दुकानों के जरिए प्रॉडक्ट्स बेचने वाली वीवो और ओप्पो जैसे ब्रैंड्स को भी इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इन पर कम दबाव है।
ऑफलाइन चैनल की सेल्स सुस्त बनी रहेगी:-
हालांकि, शाओमी और रियलमी ने इस बात से इनकार किया है कि उनके पास बहुत ज्यादा इनवेंटरी है। इस बारे में पूछे गए सवालों का जवाब खबर लिखे जाने तक सैमसंग, ओप्पो और वीवो की तरफ से नहीं मिल पाया था। मार्केट इंटेलिजेंस फर्म IDC की एसोसिएट रिसर्च मैनेजर (क्लाइंट डिवाइसेज) उपासना जोशी ने कहा, 'पिछली कुछ तिमाहियों से ऑफलाइन और ऑनलाइन चैनल, दोनों में ब्रैंड्स का स्टॉक ऊंचे लेवल पर बना हुआ है। यह स्टॉक मौजूदा वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही तक बना रह सकता है' उन्होंने बताया कि हाई इनवेंटरी का मसला सालभर रहता है। ब्रैंड्स ने नया प्रॉडक्ट लॉन्च होने के महीनेभर के भीतर पुराने मॉडल का दाम दिया। जोशी ने कहा, 'ऑनलाइन प्लैटफॉर्म्स पर भारी छूट, ऑफर और कैशबैक से ऑफलाइन चैनल की सेल्स सुस्त बनी रहेगी।'
पिछले साल से बेहतर हालात:-
काउंटरपॉइंट रिसर्च के असोसिएट डायरेक्टर तरुण पाठक ने स्मार्टफोंस की इनवेंटरी ज्यादा बने रहने की बात सही बताते हुए कहा कि हालात पिछले साल से बेहतर हैं। उन्होंने बताया, 'पांचों बड़े ब्रैंड में ज्यादातर इस साल सेल-इन (प्रॉडक्शन के बाद मैन्युफैक्चरर से रिटेलर्स के पास भेजी गई यूनिट्स) को लेकर सतर्कता बरत रहे थे। वे हालात पर कड़ी नजर रख रहे थे।' पाठक ने बताया कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर अच्छी पकड़ रखने वाले हैंडसेट ब्रैंड्स के लिए इनवेंटरी घटाना ज्यादा आसान होगा लेकिन दुकानों के जरिए प्रॉडक्ट बेचने वाले ब्रैंड्स को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने बताया, 'जो पुराने मॉडल ज्यादा नहीं बिकते, उन्हें प्राइस कट के साथ निकालने की कोशिश की जाती है। दुकानों के जरिए स्मार्टफोन बेचने वाले ब्रैंड्स के मुकाबले शाओमी और रियलमी जैसे ऑनलाइन ब्रैंड्स के लिए दाम घटाकर इनवेंटरी निकालना आसान होता है।'
शाओमी का इनवेंटरी लेवल निचले स्तर पर:-
हालांकि, शाओमी इंडिया के चीफ ऑपरेशंस ऑफिसर मुरलीकृष्णन बी ने कहा कि ब्रैंड का इनवेंटरी लेवल पिछली कुछ तिमाहियों के निचले स्तर पर है। असल में वह मांग पूरी करने के लिए सप्लाई और मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने की योजना बना रहा है। रियलमी इंडिया के CEO माधव सेठ ने भी इनवेंटरी का दबाव बढ़ने की बात को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि ब्रैंड मांग के हिसाब से स्टॉक तैयार करता है। सेठ ने कहा, 'हमारे पुराने मॉडल भी फटाफट बिक गए थे।' IDC की जोशी ने बताया कि फेस्टिव क्वार्टर यानी वित्त वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में स्मार्टफोंस की अब तक की सबसे ज्यादा शिपमेंट हुई थी लेकिन हालांकि असल बिक्री 'काफी कम' होने के कारण अगली दो तिमाहियों में इनवेंटरी लेवल ज्यादा होगा।