भोपाल। दिल की बीमारियों से बचना है तो ज्यादा फैट (वसा) वाले तेल का उपयोग खाना बनाने में न करें। किस तेल में कितना फैट है यह तेल के पैकेट पर आसानी से देखा जा सकता है। सैचुरेटेट फैट वाले तेले जैसे सरसों, जैतून, मूंगफली के तेल का उपयोग करें। सोयाबीन समेत कुछ तेलों में गैर सैचुरेटेड वसा की मात्रा ज्यादा रहती है। इसका उपयोग कम करना चाहिए।
यह बात हैदराबाद के हृदय रोग विशेषज्ञ व कार्डियोलॉजी सोसायटी ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष डॉ. शरत चंद्रा ने कही। वह हृदय रोग विशेषज्ञों की कार्यशाला में भाग लेने के लिए भोपाल आए हैं। कॉन्फ्रेंस के पहले एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इसमें वाराणासी से आए डॉ. डी जैन व डॉ. शरत चंद्रा ने एक निजी अस्पताल में कुछ ऐसे मरीजों की एंजियोप्लास्टी की तरकीब बताई जिन्हें कई डॉक्टरों ने दिल की सर्जरी कराने की सलाह दी थी। 80 साल के एक मरीज की भी एंजियोप्लास्टी की गई। कार्यशाला में डॉक्टरों ने बताया कि डायबिटीज के मरीजों को दिल की बीमारियों का खतरा तीन से चार गुना ज्यादा रहता है। रविवार को इसी विषय पर विशेषज्ञों के व्याख्यान होंगे।
स्टेम सेल ट्रांसप्लांट से बढ़ी दिल की क्षमता:-
भोपाल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सुब्रतो मंडल ने बताया दिल की मांसपेशियों औ डायबिटीज के इलाज में स्टेम सेल थैरेपी कारगर हो रही है। उन्होंने बताया कि एक मरीज का दिल 37 फीसदी ही काम कर रहा था।
जब उन्होंने अपनी टीम के सहयोग से उसका स्टेम सेल निकालकर दिल की आर्टरी में ट्रांसप्लांट किया तो 6 महीने के भीतर दिल के काम करने की क्षमता 55 फीसदी तक बढ़ गई। इसी तरह से बहुत ज्यादा डायबिटीज वाले मरीजों की पैंक्रियाज के अंदर स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की गई। इसमें मरीज के इंसुलिन लेने की जरूरत 300 फीसदी तक कम हो गई।