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Saturday, February 29, 2020

मंत्री ने छू लिए अधिकारी के पैर, बोले- आपकी वजह से ही हम चुनाव हारते हैं

ग्वालियर। शहर की सफाई पर अधिकारियों की लापरवाही और मनमानी से अब मंत्री तक असहाय हो गए हैं। वे कभी एफआईआर तो कभी सस्पेंड या ट्रांसफर करने की हिदायत तक दे चुके हैं। जब अफसरों पर इसका भी असर नहीं हुआ तो कुछ दिन पहले मंत्री खुद कमर से ऊपर तक भरे नाले में उतरकर फावड़े से सफाई करने लगे। अब तो हद ही हो गई। अफसर के चलताऊ जवाब से खिन्न् हुए मंत्री जी भरी मीटिंग में उठे और अफसर के पैर छू लिए। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने शुक्रवार को अपनी विधानसभा के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक ले रहे थे। जब उन्होंने स्वर्ण रेखा नदी में बह रहे सीवर की सफाई और बदनापुरा में भूमिपूजन पर सवाल उठाए तो अधिकारियों के जवाब सुन वे परेशान हो गए और प्रोजेक्ट प्रभारी शिशिर श्रीवास्तव के पैर ही छू लिए।
भरी बैठक में यह नजारा देख अधिकारी सन्न रह गए। मंत्री ने अपनी विधानसभा के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक बुलाई थी। इसमें मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी। समीक्षा शुरू हुई तो उन्होंने स्वर्ण रेखा नदी के प्रोजेक्ट अधिकारी शिशिर श्रीवास्तव से पूछा कि बदनापुरा में सीवर लाइन का उन्होंने भूमिपूजन किया। छह माह बाद भी वहां काम चालू नहीं हो सका है। श्रीवास्तव ने जल्द काम शुरू कराने की बात कही, इस पर मंत्री नाराज हुए। फिर उन्होंने पूछा कि स्वर्ण रेखा नदी में 6 माह से सीवर बह रहा है। पिछले माह 7 साल का रचित श्रीवास्तव नामक मासूम उसमें डूबकर मर गया। लेकिन आज तक सीवर बहना बंद नहीं हुआ। इस पर श्रीवास्तव ने जवाब दिया कि हर दिन 60 आदमी चोक सीवर लाइन की सफाई कर रहे हैं। यह सुनते ही मंत्री ने कहा कि अभी सभी 60 आदमियों को बुलाओ। यह सुन निगमायुक्त संदीप माकिन, शिशिर व विधानसभा के सीवर सेल प्रभारी आरके शुक्ला बगलें झांकने लगे। अचानक मंत्री कुर्सी से उठे और शिशिर के पैर छूते हुए कहा- आप जैसे लोगों के कारण ही हम लोग चुनाव हारते हैं।
एफआईआर के लिए कहा, परिचय मिला तो फिर छोड़ दिया:-
मंत्री ने बैठक में ही किलागेट थाना प्रभारी और सीएसपी को बुलाया और स्वर्ण रेखा नदी में सीवर सफाई का कार्य कर रहे अमृत योजना के ठेकेदार पर एफआईआर के निर्देश दिए। बैठक खत्म होते ही ठेकेदार का एक रिश्तेदार बाल भवन पहुंचा और मंत्री को अपना परिचय दिया। इसके बाद घटनाक्रम बदल गया और एफआईआर का मामला निर्देश तक सीमित रह गया। बैठक में निगमायुक्त के अलावा अधीक्षण यंत्री जलप्रदाय विभाग आरएलएस मौर्य, डिप्टी कमिश्नर हसीन अख्तर, सीओ अजयपाल सिंह जादौन, क्षेत्राधिकारी संजीव झा, यशवंत मेकले, राजेन्द्र शर्मा, रामसेवक शाक्य, भवन अधिकारी पवन शर्मा व राकेश कश्यप भी मौजूद थे।
बैठक में यह भी दिए निर्देश:-
- ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में सीवर और पानी की लाइनें अप्रैल तक डल जाएं। जहां लाइनें डाली जाना हैं उन क्षेत्रों को छोड़कर अन्य सड़कों पर सीसी व डामरीकरण शुरू कराएं।
- स्वर्ण रेखा नदी में अमृत योजना से सीवर लाइन डालने तथा गंदगी साफ करने का काम तेजी से किया जाए।
- ग्वालियर विधानसभा में विकास कार्य कराने और मॉनिटरिंग के लिए 11 सदस्यीय समिति भी गठित कर दी गई।
मंत्री के तेवर, निगम के चार अधिकारियों को शहर से बाहर करने के निर्देश:-
खाद्य मंत्री तोमर ने शुक्रवार को बाल भवन में बैठक लेने के बाद चार अधिकारियों को शहर से बाहर भेजने के निर्देश दिए। मंत्री ने निगमायुक्त संदीप माकिन से कहा कि प्रभारी अधीक्षण यंत्री विद्युत विभाग, क्षेत्राधिकारी संजीव झा, संदीप श्रीवास्तव, राजेन्द्र शर्मा तथा रामसेवक शाक्य के कामकाज से वे व्यथित हैं। माकिन ने जब अधिकारियों का बचाव का प्रयास किया तो मंत्री ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आयुक्त पी नरहरि को फोन लगाया और चारों अधिकारियों को शहर से बाहर भेजने के निर्देश दिए।
निगमायुक्त ने बदले अधिकारी : बैठक खत्म होते ही निगमायुक्त माकिन ने आदेश जारी कर मनीष कन्नोजिया को जोन 13, आशीष राजपूत को जोन 10, बृजबिहारी चंसौलिया को जोन 25, सतेन्द्र सोलंकी का निलंबन बहाल करते हुए जोन 12, राजू गोयल को 06, सौरभ शाक्य को 03, राजेन्द्र शर्मा को एसबीएम सेल तथा संजीव झा को जोन 21 का क्षेत्राधिकारी बना दिया। जबकि संजीव झा और राजेन्द्र शर्मा को मंत्री ने शहर से बाहर करने के निर्देश दिए थे।
हैदराबाद की टीम ने देखी स्वर्ण रेखा की गंदगी:-
स्वर्ण रेखा नदी में शहर के 84 नाले जुड़े हैं। इनकी गंदगी से सीवर लाइन चोक हो गई है। इससे 6 माह से सीवर का पानी नदी में बह रहा है। निगम की टीमों की मशक्कत के बाद भी समस्या का हल नहीं हो रहा है। इसलिए निगम प्रशासक व संभागायुक्त एमबी ओझा ने हैदराबाद से टीम बुलाई है। टीम के सदस्यों ने शुक्रवार को स्वर्ण रेखा का जायजा लिया।
बाल भवन में हुई समीक्षा बैठक के बारे में फिलहाल मैं कुछ नहीं कहूंगा, लेकिन मुझे बहत कुछ समझ चुका हूं। जल्द ही इसके परिणाम देखने को मिलेंगे। 
-प्रद्युम्न सिंह तोमर, खाद्य मंत्री-
मैंने बैठक बुलाई थी। मंत्री जी भी आ गए और उन्होंने अपनी विधानसभा क्षेत्र के कार्यों की समीक्षा बैठक ली। सीवर के मुद्दे पर मंत्री जी ने शिशिर के पैर छू लिए थे। 
-संदीप माकिन, निगमायुक्त-
स्वर्ण रेखा नदी की सफाई करा रहे हैं। बदनापुरा में सीवर लाइन का काम तरीके से ही कराया जाएगा। मंत्री जी ने जब मेरे पैर छुए तो मैं असहज हो गया और मैंने माफी भी मांगी। 
-शिशिर श्रीवास्तव, सीवर प्रोजेक्ट प्रभार-
मंत्री ने स्वर्ण रेखा नदी में डूबने से हुई बच्चे की मौत के मामले एफआईआर के निर्देश दिए थे। उन्हें बता दिया है कि जांच में जो तथ्य निकलेगा उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी। 
-रघुवीर सिंह मीणा, थाना प्रभारी किलागेट-