नई दिल्ली। दफ्तरों में ही नहीं बल्कि सड़कों पर भी भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। अक्सर आपने खुद राह चलती गाड़ी को पुलिसवाले को कुछ रुपये देते गुए देखा होगा। कई बार पुलिसवालों व अधिकारियों पर रिश्वत लेने पर कार्रवाई भी की जा चुकी है, लेकिन अब भी यह धंधा बड़े पैमाने पर चल रहा है। किसी ना किसी कारण से ट्रक चालक अपने सफर में आगे बढ़ने के लिए पुलिसवालों को भरपूर रिश्वत देता है। एक स्टडी सामने आई है, जिसमें बताया गया कि ट्रक ड्राइवर और ट्रकों के मालिक हर साल करीब 48000 करोड़ रुपये पुलिसवालों और सड़क पर खड़े अन्य अधिकारियों को रिश्वत के तौर पर देते हैं।
माता जागरण के नाम पर भी ट्रक ड्राइवरों से वसूली:-
रोड सेफ्टी और परिवहन के क्षेत्र में काम करने वाले NGO, SaveLife Foundation के द्वारा शुक्रवार को यह रिपोर्ट जारी की गई थी। इसमें बताया गया कि ट्रैफिक और हाईवे पुलिस समेत ट्रांसपोर्ट और टैक्स अधिकारी भी रिश्वत लेते हैं। जहां जिसके बाद ट्रक को आगे जाने दिया जाता है। आपको बता दें कि रिपोर्ट में पूरे देश में ट्रक ड्राइवर किन परिस्थितियों में काम करते है और किस तरह के मानसिक और शारीरिक दबाव में रहते हैं, यह बताया गया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि 'माता के जागरण समिति' जैसे स्थानिय ग्रुप भी धमकी देकर ट्रक ड्राइवरों से पैसा वसूलते हैं, नहीं देने पर रास्ता नहीं खाली करते।
82 फीसदी ने माना दी रिश्वत:-
रिपोर्ट में बताया गया कि जिन ड्राइवरों से बात की गई उनमें से 82 फीसदी ने माना है कि उन्होंने अपनी अंतिम यात्रा के दौरान किसी न किसी अधिकारी को रिश्वत दी। स्टडी के दौरान 1217 ट्रक ड्राइवरों और 110 ट्रक मालिकों से बात की गई, जो इस सेक्टर में हो रहे बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार को उजागर करती है। बताया गया कि हर यात्रा के दौरान औसतन 1257 रुपये की रिश्वत अधिकारियों को एक ट्रक ड्राइवर ने दी।
देश भर सबसे ज्यादा रिश्वत का खेल गुवाहटी में:-
कुल मिलाकर, लगभग 2% ट्रक ड्राइवरों ने कर अधिकारियों को रिश्वत दी। रिपोर्ट में बताया गया कि गुवाहाटी में 97.5 फीसदी ड्राइवरों ने रिश्वत देने की बात स्वीकारी। इसके बाद 89 फीसदी के साथ चेन्नई दूसरे और 84.4 फीसदी के साथ दिल्ली तीसरे नंबर पर है। 44 फीसदी ड्राइवरों ने आरटीओ ऑफिसरो को भी रिश्वत देने की बात कही। इनमें बेगलुरु सबसे ऊपर है जहां 94 फीसदी ने इस बात को स्वीकारा। इसमें एक खास खुलाया भी हुआ, जिसमें बताया गया कि अधिकारी रिश्वत लेने के बाद ड्राइवरों को एक स्लिप देते हैं, जिससे ड्राइवर अगले चेकपॉइंट को पार कर सके।