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Sunday, March 15, 2020

फ्लोर टेस्ट से पहले दोनों खेमों में बढ़ी हलचल, हाई लेवल मीटिंग का दौर जारी, 'टेस्ट' के लिए भोपाल पहुंची टीम कांग्रेस

भोपाल। मध्यप्रदेश में सियासी गहमागहमी बढ़ गई है। 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट से पहले दिल्ली से लेकर भोपाल तक में सियासी हलचल बढ़ गई है। टेस्ट के लिए टीम कांग्रेस भोपाल पहुंच गई है। बीजेपी की रणनीति दिल्ली में ही बन रही है। बीजेपी के सारे दिग्गज नेता दिल्ली में बैठ फ्लोर टेस्ट से पहले माथापच्ची कर रहे हैं। वहीं बीजेपी विधायकों को गुरुग्राम के होटल में रखा गया है।
सोमवार यानी 16 मार्च को राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा। कांग्रेस और बीजेपी ने अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है। बजट सत्र के दौरान सभी विधायकों को सदन में मौजूद रहना होगा। वहीं, जयपुर में डेरा डाले कांग्रेस के सभी विधायक भोपाल पहुंच गए हैं। बागी विधायक अभी भी बेंगलुरु में ही कैंप किए हुए हैं। रिसॉर्ट से निकालकर उन्हें होटल में शिफ्ट किया गया है।
दिल्ली से लेकर भोपाल तक में मंथन:-
वहीं, फ्लोर टेस्ट को लेकर दोनों ही दलों में हलचल तेज हो गई है। बीजेपी के आला नेता दिल्ली में मैराथन बैठक कर रहे हैं तो भोपाल में सीएम कमलनाथ आला नेताओं के साथ चर्चा कर रहे हैं। बीजेपी की बैठक में नरेंद्र सिंह तोमर, शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और धर्मेंद्र प्रधान मौजूद हैं। जबकि भोपाल स्थित सीएम हाउस की बैठक में कमलनाथ अपने मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं।
बेंगलुरू वाले विधायकों के हाथ में सरकार का भविष्य:-
सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद उनके 22 समर्थक विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। छह विधायकों का इस्तीफा शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष ने मंजूर कर लिया है। जबकि सोलह और विधायकों का इस्तीफा अभी स्पीकर के पास पेंडिंग है। बीजेपी मांग कर रही है कि इस्तीफा देने वाले सभी विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो। इसके साथ ही उन सभी विधायकों ने वीडिया जारी कर सुरक्षा की मांग की है और कहा कि हम सिंधिया के साथ हैं।
क्या है समीकरण:-
मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीट है, जिनमें दो पहले से ही रिक्त हैं। छह विधायकों के इस्तीफा मंजूर होने के बाद विधायकों की कुल संख्या 222 रह गई है। वर्तमान में कांग्रेस के 108 और बीजेपी के 107 विधायक बचते हैं। विधायकों की संख्या के हिसाब से देखें तो सरकार बनाने के लिए 112 की संख्या होनी जरूरी है। कांग्रेस को अन्य- 07 (4 निर्दलीय, 2 बसपा, 1 सपा ) का समर्थन हासिल है। ऐसे में सरकार पर कोई खतरा नहीं है।
बीजेपी की मांग है कि जिस तरीके से स्पीकर ने छह विधायकों का इस्तीफा मंजूर किया है, उसी तरह से 16 अन्य विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो। अगर स्पीकर उन 16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लेते हैं तो कांग्रेस के पास विधायकों की संख्या 92 रह जाएगी। साथ विधानसभा सदस्यों की संख्या 206 हो जाएगी। फिर सरकार बनाने के लिए 104 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। बागियों का इस्तीफा मंजूर होने के बाद कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ जाएगी।
राज्यपाल ने कहा विश्वासमत हासिल करने के लिए:-
वहीं, आधी रात को मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने सीएम कमलनाथ को एक चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी लिख उन्होंने तमाम राजनीतिक परिस्थितियों का जिक्र किया है, साथ ही कहा है कि आपकी सरकार अल्पमत में है। मेरे अभिभाषण के तुरंत बाद सरकार विधानसभा में बहुमत साबित करे। राज्यपाल लालजी टंडन ने यह भी लिखा है कि यह स्थिति अत्यंत गंभीर है।
गुरुग्राम में हैं बीजेपी के विधायक:-
टूट के डर से बीजेपी ने अपने विधायकों को गुरुग्राम के होटल में रखा है, जहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। विधायकों के पास संपर्क के लिए मोबाइल फोन भी नहीं हैं। बीजेपी के बड़े नेता लगातार विधायकों पर नजर रखे हुए हैं। इसके साथ ही कांग्रेस के बागी विधायक कर्नाटक में हैं, उन्हें भी दूसरे होटल में शिफ्ट कर दिया है। बीजेपी की कोशिश है कि बागी विधायक भोपाल नहीं पहुंचे।