भोपाल। चीन से फैलकर दुनियाभ में महामारी का रूप ले लेने वाले कोरोना वायरस की जद में अब तक दुनिया भर के 1,98,521 लोग आ चुके हैं। वहीं, संक्रमण की चपेट में आकर अब तक 7,988 लोगों ने जान भी गंवा दी है। भारत में भी अब तक कोरोना से संक्रमति 140 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें 3 लोग जान गंवा चुके हैं। हालांकि, मध्य प्रदेश में कोरोना के पॉजिटिव एक भी मामला सामने नहीं आया है। इस बीच दुनिया भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञ और वैज्ञानिक वायरस का इलाज, उसके फैलने के कारण, रोकथाम, किस उम्र के लोगों के लिए सबसे ज्यादा खतरा जैसी चीजों पर अध्ययन कर रहे हैं। चीन में हुए एक ऐसे ही अध्ययन में सामने आया कि, किस ब्लड ग्रुप के लोग कोरोना वायरस की चपेट में सबसे ज्यादा आ रहे हैं। आसान शब्दों में समझें तो, किस ब्लड ग्रुप के लोगों के लिए कोरोना वायरस कितना खतरनाक है। रिसर्त के हवालें से आइये जानें।
'ए' ब्लड ग्रुप के लिए सबसे खतरनाक तो 'ओ' के लिए सबसे कम:-
चीन में हुई रिसर्च के मुताबिक, सामने आया कि, कोरोना वायरस का सबसे अधिक खतरा 'ए' ब्लड ग्रुप वाले लोगों पर सबसे ज्यादा है। वहीं, 'ओ' ब्लड ग्रुप के लोगों पर इस संक्रमण का सबसे कम जोखिम नजर आया। हालांकि, इसका मतलब ये नहीं कि, उन्हें संक्रमण नहीं हो सकता, वे भी वायरस की चपेट में आ सकते हैं. लिहाजा, उन्हें भी बार-बार हाथ धोने समेत बचाव के तमाम उपाय करते रहना होगा। शोधकर्ताओं ने चीन के सबसे ज्यादा संक्रमित इलाके वुहान और शेनजेन के 2,000 से ज्यादा मरीजों पर अध्यन किया था, जिसके बाद उनके सामने आया कि, 'ए' ब्लड ग्रुप के लोगों में संक्रमण फैलने के बाद स्थितियां ज्यादा तेजी से बिगड़ी, वहीं एस ब्लड ग्रुप के लोगों की संक्रमित होने की दर भी सबसे अधिक है। इसके अलावा 'ओ' ब्लड ग्रुप के लोग संक्रमण से काफी जल्दी रीकवर हुए हैं।
चीन में हुई रिसर्च के मुताबिक, सामने आया कि, कोरोना वायरस का सबसे अधिक खतरा 'ए' ब्लड ग्रुप वाले लोगों पर सबसे ज्यादा है। वहीं, 'ओ' ब्लड ग्रुप के लोगों पर इस संक्रमण का सबसे कम जोखिम नजर आया। हालांकि, इसका मतलब ये नहीं कि, उन्हें संक्रमण नहीं हो सकता, वे भी वायरस की चपेट में आ सकते हैं. लिहाजा, उन्हें भी बार-बार हाथ धोने समेत बचाव के तमाम उपाय करते रहना होगा। शोधकर्ताओं ने चीन के सबसे ज्यादा संक्रमित इलाके वुहान और शेनजेन के 2,000 से ज्यादा मरीजों पर अध्यन किया था, जिसके बाद उनके सामने आया कि, 'ए' ब्लड ग्रुप के लोगों में संक्रमण फैलने के बाद स्थितियां ज्यादा तेजी से बिगड़ी, वहीं एस ब्लड ग्रुप के लोगों की संक्रमित होने की दर भी सबसे अधिक है। इसके अलावा 'ओ' ब्लड ग्रुप के लोग संक्रमण से काफी जल्दी रीकवर हुए हैं।
ये आंकड़े आए सामने:-
कोरोना वायरस की वजह से मारे गए 206 लोगों में से 85 लोगों का ब्लड ग्रुप A था, वहीं 52 लोग ब्लड ग्रुप O वाले थे। अनुसंधानकर्ताओं ने यह परिणाम निकाला कि कोरोना वायरस से मरने की सबसे ज्यादा आशंका A ब्लड ग्रुप वालों में है। हालांकि, इसका मतलब ये नहीं है कि, अन्य ब्लड ग्रुप के लोगों के लिए चिंता की कोई बात नहीं है। उन्हें भी संक्रमण से बचे रहने के उपाय ठीक उसी तरह करने होंगे, जैसे 'ए' ब्लड ग्रुप के लोगों को करने हैं। वहीं, 'ए' ब्लड ग्रुप को लोगों को ज्यादा अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। साथ ही, शोध के बाद जारी एडवाइजरी में शोधकर्ताओं ने सबसे अधिक जोर 'ए' ब्लड ग्रुप के मरीजों पर देने की बात कही है।
सबसे सेफ है O ब्लड ग्रुप:-
इससे पहले भी हुई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि ब्लड ग्रुप A, B और AB वालों को ब्लड ग्रुप O की तुलना में दिल की बीमारियां होने का खतरा ज्यादा रहता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक जब सार्स-सीओवी-2 का हमला हुआ था, तब भी ब्लड ग्रुप O के लोग इससे कम प्रभावित हुए थे जबकि अन्य ब्लड ग्रुप के लोगों पर इसका असर अधिक था। हालांकि इस रिचर्स का फाइनल रिव्यू अभी तक नहीं हुआ है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस रिसर्च से कोरोना वायरस जैसी खतरनाक बीमारी का इलाज ढूंढने में आसानी होगी। ब्लड ग्रुप कोई सा भी हो, कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को लेकर सावधानियां रखना आवश्यक है।