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Sunday, April 19, 2020

AIDS की दवा खोजने में लैब से निकला कोरोना, HIV खोजने वाले नोबेल विजेता प्रोफेसर का दावा

पैरिस। कोरोना वायरस कहां से आया और कैसे दुनिया में फैला, इसे लेकर कोई पुख्ता जानकारी नहीं है लेकिन कई थिअरी जरूर सामने आ चुकी हैं। इसी बीच HIV की खोज करने वाले नोबेल विजेता ने दावा किया है कि कोरोना वायरस लैब से ही निकला है। उनका कहना है कि SARS-CoV-2 वायरस AIDS की वैक्सीन बनाने की कोशिश में पैदा हो गया है और गलती से फैल गया।
2000 से चल रही रीसर्च:-
मेडिसिन का नोबेल जीतने वाले फ्रांस के प्रफेसर Luc Montagneir का कहना है कि नोवल कोरोना वायरस के जीनोम में HIV (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशंसी वायरस) और मलेरिया फैलाने वाले जर्म का भी हिस्सा है। उनका कहना है कि 2000 के दशक से वुहान की नैशनल बायोसेफ्टी लैब में कोरोना वायरस पर रीसर्च की जा रही है।
नेचर नहीं बर्दाश्त करेगा छेड़छाड़:-
कोरोना वायरस के जीनोम में HIV का जेनेटिक सीक्वेंस जोड़ना किसी लैब में किया जा सकता है और इसके लिए मॉलिक्यूलर टूल्स की जरूरत होती है। उन्होंने कहा है कि नेचर में किसी मॉलिक्यूल के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाती है। उन्होंने कहा कि किसी अप्राकृतिक बदलाव को नेचर रिजेक्ट कर देता है और इसलिए अगर कोई वैक्सीन नहीं भी बनाई गई तो नेचर खुद ही इसे खत्म कर देगा। उन्होंने दावा किया कि हालात सुधर जाएंगे।
वुहान की लैब में हो रहा था चमगादड़ों पर टेस्‍ट:-
किलर कोरोना वायरस फैलाने को लेकर वुहान की लैब दुनियाभर के निशाने पर है। चीनी लैब अमेरिका के पैसों पर चमगादड़ों पर रिसर्च कर रही थी। खबर के मुताबिक, चीन में स्थित यह लैब अमेरिकी सरकार के ग्रांट (आर्थिक मदद) पर चीनी गुफाओं से निकाले गए चमगादड़ों पर रिसर्च कर रही थी। वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वीरोलॉजी में यह रिसर्च की जा रही थी। अमेरिकी सरकार ने इस शोध के लिए उसे करीब 10 करोड़ रुपये का ग्रांट दिया था। चीन की इस लैब पर पहले भी ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि उसने ही यह वायरस फैलाया है। यह लैब वुहान की मांस मार्केट के पास ही है। उन्होंने शोध के लिए 1000 मील दूर गुफाओं से चमगादड़ों पकड़े थे।
वुहान सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल ने फैलाया कोरोना:-
चीन की सरकारी साउथ चाइना यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलजी के मुताबिक, हुबेई प्रांत में वुहान सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (WHDC) ने रोग फैलाने वाली इस बीमारी के वायरस को जन्म दिया हो। स्कॉलर बोताओ शाओ और ली शाओ का दावा है कि WHCDC ने लैब में ऐसे जानवरों को रखा जिनसे बीमारियां फैल सकती हैं, इनमें 605 चमगादड़ भी शामिल थे। उनके मुताबिक, 'हो सकता है कि 2019-CoV कोरोना वायरस की शुरुआत यहीं से हुई हो।' इसके अलावा इनके रिसर्च पेपर में यह भी कहा गया है कि कोरोना वायरस के लिए जिम्मेदार चमगादड़ों ने एक बार एक रिसर्चर पर हमला कर दिया और चमगादड़ का खून उसकी स्किन में मिल गया। रिपोर्ट में कहा गया है, 'रोगियों में मिले जीनोम सीक्वेंस 96 या 89 फीसदी थे जो बैट CoC ZC45 कोरोना वायरस के समान हैं लेकिन ये मूल रूप से राइनोफस एफिनिस में पाए जाते हैं।' रिपोर्ट में बताया गया है कि यहां मौजूद देसी चमगादड़ वुहान के सीफूड मार्केट से करीब 600 मील दूर पाए जाते हैं।
अमेरिका को टक्‍कर देने को चीन लाया कोरोना:-
अमेरिकी टीवी चैनल फॉक्‍स न्‍यूज ने एक सनसनीखेज दावा किया है। फॉक्‍स न्‍यूज ने कहा है कि चीन ने एक विशेष उद्देश्‍य से इस वायरस को वुहान की लैब में पैदा किया था। फॉक्‍स न्‍यूज ने कई सूत्रों के हवाले से दावा किया कि चीन ने वुहान लैब में कोरोना वायरस को बायोवेपन के रूप में नहीं बल्कि दुनिया को अपनी ताकत दिखाने के लिए पैदा किया था। चीन ने यह दिखाने की कोशिश की कि वह कोरोना जैसे खतरनाक वायरस की अमेरिका की तरह या उससे ज्‍यादा अच्‍छे से पहचान कर सकता है और उससे पूरी ताकत के साथ निपट सकता है। एक सूत्र ने कहा, 'यह अब तक का सबसे महंगा गुप्‍त कार्यक्रम हो सकता है।' उन्‍होंने कहा कि शुरू में यह वायरस चमगादड़ से इंसान में पहुंचा और 'पेशेंट जीरो' भी वुहान की रहस्‍यमय लैब में काम करता था। पेशेंट जीरो जब वुहान की मार्केट में गया तब यह वायरस वहां भी फैल गया।
कोरोना के स्रोत की करा रहे हैं जांच: डोनाल्‍ड ट्रंप:-
वुहान की लैब से कोरोना वायरस के फैलने के सवाल पर अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा, 'हम लगातार कई कहानियां सुन रहे हैं...हम इस मामले की जांच कर रहे हैं।' इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने फॉक्‍स न्‍यूज से कहा था कि अमेरिका सरकार जानती है कि यह वायरस चीन के वुहान में पैदा हुआ था। उन्‍होंने कहा कि वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वीरोलॉजी वुहान के वेट मार्केट से कुछ ही दूरी पर है। उन्‍होंने कहा, 'चीन के सरकार के निश्चित रूप से खुलकर बताने की जरूरत है।' इससे पहले अमेरिकी राजनयिक केबल में भी चेतावनी दी गई थी कि वुहान की लैब की सुरक्षा अच्‍छी नहीं है।
चीन ने किया खारिज पर अमेरिकी कर रहे जांच:-
इसके जवाब में चीन ने डब्‍ल्‍यूएचओ का हवाला देकर कहा था कि इस बात के साक्ष्‍य नहीं है कि कोरोना वायरस लैब में पैदा नहीं हुआ था। चीन ने कहा कि दुनिया के जानेमाने वैज्ञानिक मानते हैं कि कोरोना वायरस लैब में पैदा नहीं हुआ। चीन भले ही जो दावा करे लेकिन अमेरिका की खुफिया एजेंसी और राष्‍ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अधिकारी इस महामारी के स्रोत की जांच कर रहे हैं। अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन ने कहा क‍ि कोरोना वायरस को अभी वुहान की लैब से जोड़ना ठीक नहीं है। सीएनएन ने सूत्रों के हवाले से कहा कि अभी इस बात के कोई संकेत नहीं है कि यह वायरस इंसान ने बनाया है। अमेरिकी खुफिया अधिकारी कोरोना वायरस को लेकर किए जा रहे सभी दावों की पड़ताल कर रहे हैं। इसमें चीन से जुड़े सभी खुफिया साक्ष्‍यों की पड़ताल की जा रही है। हालांकि कुछ खुफिया अधिकारियों ने कहा है कि शायद यह कभी पता नहीं चल पाए कि कोरोना का स्रोत क्‍या है।
दावे पर विरोध:-
हालांकि, उनके इस दावे को आलोचना का सामना करना पड़ा है। पैरिस के एक वायरॉलिज्सट का दावा है कि लूक की बात में कोई दम नहीं है क्योंकि ऐसे जेनिटिक सीक्वेंस दूसरे कोरोना वायरस में भी पाए जाते हैं। कुछ जीनोम के हिस्से पौधों या बैक्टीरिया जैसे भी लगते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नेचर अपने आप इसे खत्म नहीं कर सकता।