भोपाल। चौथी बार सूबे की कमान संभालने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मंत्रिमंडल 25 दिन बाद भी गठित नहीं हो पाया है। राज्य में कोरोना संकट की विकट स्थितियों से निपटने के लिए कैबिनेट गठन का दबाव बढ़ रहा है। सूची बन चुकी है, बाकी की तैयारियां भी पूरी हैं। इंतजार पार्टी हाईकमान की हरी झंडी का है। माना जा रहा है कि अगले दो-तीन दिन में मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुरुवार और शुक्रवार को दिल्ली में सक्रियता और भाजपा नेताओं से मुलाकात को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है।
सियासी और प्रशासनिक हलकों में अटकलों का दौर:-
पहली खेप में मंत्रियों की संख्या को लेकर सियासी और प्रशासनिक हलकों में अटकलों का दौर चलता रहा। मंत्रिमंडल गठन के सवाल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही कह चुके हैं कि उनकी प्राथमिकता अभी मंत्रिमंडल के बजाए कोरोना संकट से निपटने की है।
सिंधिया समर्थकों में से कितने लोग मंत्रिमंडल में आएंगे और कैबिनेट का स्वरूप कैसा होगा, यह सब कुछ पहले ही तय हो चुका है। मंत्रिमंडल कब शपथ लेगा, तारीख का फैसला दिल्ली में होना है। इसलिए सबकी नजरें दिल्ली की ओर ही लगी हुई हैं।
सूत्र बताते हैं कि फिलहाल जो मंत्रिमंडल होगा उसका आकार छोटा होगा। इसमें सिंधिया समर्थकों की संख्या को लेकर मामला अटका हुआ है। भाजपा की ओर से मामला साफ है कि कौन-कौन से वरिष्ठ नेताओं को शपथ दिलाई जानी है।