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Saturday, May 16, 2020

जनता ने सरकार को दिए सुझाव बोले ऐसा हो लॉकडाउन 4.0 तो जीत जाएंगे हम

भोपाल। 25 मार्च से शुरू हुआ लॉकडाउन अब चौथे चरण में पहुंच रहा है। हर दिन परेशानियों और थोड़ी सुविधाओं में गुजर-बसर कर रहे लोगों ने लॉकडाउन-4 के बारे में अपनी राय दी। उन्होंने बताया कि केंद्र या राज्य सरकारों को लॉकडाउन-4 का प्रारूप कैसा रखना चाहिए। उनका दावा है कि यदि उनकी राय मान ली जाती है तो यह जनता के लिए काफी राहतभरा पैगाम होगा और हम नियमों का पालन करते हुए इस जंग को जीत लेंगे।
मध्यप्रदेश ही नहीं दुनियाभर से सुझाव आ रहे हैं। पत्रिका ने भी सामाजिक सरोकार के तहत लोगों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी राय जानी तो लोगों ने अपनी राय और सुझाव रखे। इसमें कई लोग सरकार के साथ खड़े नजर आए, तो कई लोग सरकार के फैसलों के विरोध में खड़े दिखे तो ज्यादातर लोग मजदूरों के हितों के लिए ज्यादा गंभीर और संवेदनशील नजर आए।
>>लॉकडाउन-4 में क्या चाहते हैं लोग<<
मरीजों के लिए चलाएं मेमो ट्रेन:-
मध्यप्रदेश के झाबुआ के टीपू खान पठान कहते हैं कि यहां से बड़ी संख्या में मरीज गुजरात के दाहोद, बड़ोदरा में इलाज करवाने जाते हैं। अब मार्च के बाद से ट्रेन और बस सेवा बंद होने के कारण उन्हें दवा नहीं मिल पा रही है। मरीजों को बगैर ही जांच करवाए दवा लेना पड़ रही है। इसलिए रतलाम से दाहोद मेमो ट्रेन चलाएं तो हजारों मरीज अपना चेकअप करवाकर दवा ले सके।
कमल हांडा लिखते हैं कि इंटरसिटी ट्रेनें शुरू की जा सकती है, जिसके जरिए अन्य जिलों में फंसे मजदूरों को घर पहुंचाया जा सके। हजारों मजदूर 50 दिनों से कई जिलों में फंसे हुए हैं।
अल्टरनेट खोली जाएं दुकानें:-
अरविंद पांडे कहते हैं कि संक्रमण का असर गांवों तक भी पहुंच गया है, इसलिए शहर ही नहीं गांव में भी लॉकडाउन की जरूरत है। वहीं आनंद पांडे लिखते हैं कि जिस प्रकार संक्रमण बढ़ रहा है, उस हिसाब से लॉकडाउन और आगे बढ़ना चाहिए। यशवंत भाटी लिखते हैं कि मनासा में एक दिन एक तरफ, तो दूसरे दिन सामने वाली लाइन की दुकानें खोलना चाहिए। वहीं आशीष जैन अपने सुझाव में कहते हैं कि सभी दुकानें एक दिन छोड़कर खोली जाना चाहिए। अपेक्षा रोठिया किताबों की दुकानें खोलने का सुझाव दे रही हैं। प्रभात बाकलीवाल कहते हैं कि राज्यों के भीतर ट्रांसपोर्ट चालू कर होसलेलर को माल भेजने के लिए कोई सख्ती न की जाए।
शनिवार-रविवार को हो टोटल लॉकडाउन:-
आपकी नजर में कैसा हो लॉकडाउन-4, इस सवाल पर शरद गुप्ता कहते हैं कि लॉकडाउन में सिर्फ सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक की ही छूट देना चाहिए। इसके साथ ही शनिवार और रविवार को टोटल लॉकडाउन हो। इनके अलावा शिवशंकर जोशी सुझाव देते हैं कि सुबह 7 से 11 बजे तक दुकानें खोली जाएं।
लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है ज्यादातर लोग:-
लॉकडाउन बढ़ाया चाहिए या नहीं, इस सवाल पर ज्यादातर लोग चाहते हैं कि लॉकडाउन अब नहीं बढ़ाना चाहिए। क्योंकि इस जिसका घर और बैंक बैलेंस अच्छा है उसे तो दिक्कत नहीं होगी, लेकिन कई गरीब भूख से मर सकते हैं।
-चेतन यादव कहते हैं कि लॉकडाउन आगे बढ़ने से गरीब बस्ती में समस्या हो जाती है। जबकि कई सक्षम लोग घरों में कैद रह सकते हैं। 
-हितेश पवार कहते हैं कि हमारा कामधंधा बंद है। गरीबी रेखा और जनधनखाता भी नहीं है। ऐसे में लॉकडाउन को कुछ नियमों के साथ खोल देना चाहिए। जिससे हमारा जीवन पटरी पर आ सके।
-ज्योतिषाचार्य दुर्गाशंकर नागर कहते हैं कि गरीब वर्ग की मुसीबत बढ़ जाएगी, इसलिए लॉकडाउन कुछ शर्तों के साथ धीरे-धीरे खोल देना चाहिए। जिससे गरीब वर्ग आत्मनिर्भर होकर अपने पैरों पर फिर खड़ा हो सके।
-रेखा सिंह नामक यूजर लिखती हैं कि हर गरीब के पेट भरने का इंतजाम कर दो फिर चाहे तो लॉकडाउन हमेशा के लिए लगा दो। 
-अल्विन तिर्की कह रहे हैं कि यदि लॉकडाउन से ही समस्या का हल हो रहा है तो फिर देश में 70 हजार पार कोरोना संक्रमण कैसे हो गया। इसी प्रकार नफीस मोहम्मद कहते हैं कि लॉकडाउन लागू रहना चाहिए, इसमें गरीब वर्ग को खाने और रहने का इंतजाम कर देना चाहिए।
आशावादी नजर आए यूजर्स:-
प्रश्नों पर लोग आशावादी नजर आए। उन्होंने कोरोना को हराने और उस जंग को जीतने के लिए भी प्रोत्साहन दे रहे हैं। वे कर्मवीरों को भी सैल्यूट कर रहे हैं। अशोक अहिरवार लिखते हैं कि थोडा़ और संयम रख लें हम लोग तो इस कोरोना से जरूर जीत जाएंगे।