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Saturday, March 2, 2019

बाप, बेटे और बहू के बीच लव ट्राएंगल, आखिरकार मिले एक लाश के टुकड़े

रिपोर्ट- पवन शर्मा (स्टेट ब्यूरो हेड पंजाब)
फरीदकोट (पंजाब)। रिश्तों में अपराध नयी बात नहीं है लेकिन बाप अपने बेटे का कत्ल कर दे और लाश के टुकड़े करे! ये खबर ज़रूर कहती है कि इस क्रूरता के पीछे ऐसी कहानी ज़रूर है जो रिश्तों के किसी गाढ़े सच का खुलासा करती है.    
एक बाप न सिर्फ अपने बेटे का कत्ल करता है बल्कि कत्ल के बाद तसल्ली से बैठकर बेटे की लाश के टुकड़े करता है. ये कत्ल होता है, एक औरत की वजह से. वो औरत कातिल की बहू है और कत्ल की वजह जब सामने आती है तो रिश्तों की पहेली बन जाती है. सवाल उठा कि औरत की वजह से बाप और बेटे के बीच खूनी खेल के ज़िम्मेदार इस भावना को क्या कहा जाए? प्यार या कुछ और?
पंजाब के फरीदकोट से आई इस कहानी को जिसने सुना, उसके रोंगटे खड़े हो गए. हर ज़बान से गोली की तरह सवाल निकले और ज़्यादातर लोग रिश्तों की ऐसी पेचीदगी को बर्दाश्त नहीं कर सके. कहानी कुछ साल पहले शुरू हुई थी जब फरीदकोट के जायतू इलाके में रहने वाले छोटा सिंह के जीवन में एक उथल पुथल मची थी. जो सवाल अब लोगों की ज़बान पर हैं, वही उस वक्त छोटा के मन में थे.
'क्या दुनिया इस रिश्ते को कबूल करेगी? क्या ऐसा रिश्ता ठीक है? क्या ये कोई पाप है? क्या इसका अंजाम भयानक हो सकता है?' इन तमाम सवालों से दो चार होते हुए आखिरकार छोटा इस नतीजे पर पहुंचा था कि प्यार तो कुदरत की देन है. अगर उसे प्यार हो गया तो इसमें उसका कोई कसूर नहीं. उम्र 60 साल के आसपास की थी तो क्या? जिससे प्यार हुआ, वो उसकी बेटी जैसी थी तो भी क्या..!
छोटा का बेटा था राजविंदर, जो 40 की उम्र की तरफ बढ़ रहा था. उसकी शादी जसवीर उर्फ जस्सी से कई साल पहले हुई थी और राजविंदर दो बच्चों का बाप था. डबरी खाना गांव में भरा पूरा परिवार खुशी खुशी रह रहा था. तभी, राजविंदर को घर और आसपास के कुछ लोगों की बातों और इशारों से महसूस हुआ कि उसकी पीठ पीछे घर में कुछ खिचड़ी पक रही थी.
राजविंदर : लस्सी देने गई थी कि बापू के कमरे में बैठकर लस्सी बना रही थी? इत्ती देर लगती है?
जस्सी : कैसी बात करते हो तुसी? वो तुम्हारे बापू हैं तो मेरे भी तो बापू जैसे हैं.
राजविंदर : हां. मुझे मत याद दिला, बस खुद याद रखियो और बापू भूल जावे, तो उसे भी याद दिला दीजो, समझी? अगली बार कुछ पूछूंगा या कहूंगा नहीं. अगली बार जो होगा, तुझे अफसोस होगा कि क्यों हुआ...
राजविंदर की इस नाराज़गी के बाद जस्सी को साफ समझ आ चुका था कि उसका राज़ खुल चुका था. उसने फौरन मौका देखकर अपने ससुर यानी छोटा को इस बारे में बता दिया. छोटा ने कहा कि वो घबराए नहीं, वो कुछ उपाय खोज लेगा. बात आई गई हुई लेकिन कुछ ही दिनों बाद राजविंदर ने फिर जस्सी के साथ अपने बाप को ऐसी हालत में देख लिया जिसका कोई जवाब नहीं मिल सकता था.
अब बात बढ़ी और पूरे घर में सबको दबी आवाज़ में पता चली. एक तरफ की छोटा की बीवी ने उसकी इस हरकत पर नाराज़गी जताई तो छोटा ने अपनी बीवी को डांट डपटकर काबू कर लिया. लेकिन, राजविंदर से आंखों देखी मक्खी नहीं निगली जा रही थी. वो अपनी बीवी से भी खफा था और बाप से भी. उसे दुनिया भर के तानों का डर तो था ही, साथ ही, यह बात ज़्यादा तकलीफदेह थी कि वो एक ऐसी औरत के साथ कैसे रहे, जो उसे उसके ही बाप के साथ बांट रही थी.
बात बढ़ने लगी और अक्सर बाप बेटे और मियां बीवी के बीच झगड़े होने लगे. दोनों तरफ से सिर्फ धमकियां और गुस्से में गाली गलौज जारी थी और कोई हल नहीं निकलता दिख रहा था. पूरा परिवार हल खोज रहा था. इसी बीच, बात बढ़ती देख, बदनामी होने का खतरा देखकर छोटा ने तय कर लिया कि वह इस मुश्किल को जड़ से ही खत्म कर देगा. 'मैं सब ठीक कर दूंगा और जल्द ही हम दोनों शादी भी करेंगे..' उसने यह कहकर जस्सी को इशारों में कुछ समझाया.
बीते सोमवार मंगलवार की दरमियानी रात जब राजविंदर अपने कमरे में सो रहा था, तब जस्सी उठी और कमरे से बाहर निकलकर उसने छोटा को इशारा कर दिया. छोटा अपने हाथ में एक धारदार हथियार लेकर राजविंदर के कमरे में आया. सोते हुए अपने बेटे पर छोटा ने उस हथियार से हमला किया और कमरे में खून फैल गया. छोटा ने एक के बाद एक हमले कर राजविंदर की जान ली और वह भी इतनी तेज़ी से कि राजविंदर को चीखने का वक्त तक नहीं मिला.
राजविंदर के मरते ही अब छोटा को लाश ठिकाने लगानी थी. वो भी इतनी जल्दी कि किसी को खबर न लगे. राजविंदर की लाश को उठाकर ले जाना मुमकिन नहीं था इसलिए उसने उसी हथियार से लाश के टुकड़े करना शुरू किए. लेकिन इस हमले और लाश के टुकड़े करने के दौरान छोटा को खयाल नहीं रहा कि वो कितना हांफ रहा था और उसके मुंह से कितनी आवाज़ें निकल रही थीं.
इन्हीं आवाज़ों को सुनकर बगल के कमरे में सोया राजविंदर का भाई राजवीर जाग गया और उसने अपने बाप को न सिर्फ रोका बल्कि पुलिस को फोन करने के बाद उसे पकड़े रखा. छोटा छूटने की कोशिश करता रहा, राजवीर को गाली देता रहा लेकिन पुलिस के आने तक राजवीर उसे काबू किए रहा. बहू के साथ अपने प्यार और रिश्ते को पाने की खातिर छोटा ने अपने बेटे को मौत के घाट उतारा, लेकिन अब उसकी बाकी उम्र सलाखों के पीछे कटे और वह जस्सी को कभी देख भी न सके.