कोलकाता. मध्य कोलकाता में दो पूजा कमेटियां माता की प्रतिमाओं के श्रृंगार के लिए 50 किलोग्राम सोने और 110 किलोग्राम चांदी का इस्तेमाल कर रही हैं. देश में सोने की कीमत 40 हजार रूपये प्रति दस ग्राम से कुछ ही कम है . ऐसे में संतोष मित्रा स्क्वायर दुर्गा पूजा के आयोजक माता दुर्गा, शेर और महिषासुर के श्रृंगार के लिए 50 किलोग्राम सोने के पत्तरों का इस्तेमाल कर रहे हैं श्रृंगार में इस्तेमाल सोने की कीमत 20 करोड़ रुपये है और उम्मीद की जा रही है कि इससे संतोष मित्रा स्क्वायर दुर्गा पूजा पंडाल की ओर लोग आकर्षित होंगे.
पूजा समिति के एक सदस्य ने बताया कि माता दुर्गा की 13 फुट ऊंची प्रतिमा को पैर से सिर तक शुद्ध सोने के पत्तरों से मढ़ा जाएगा. उन्होंने बताया कि माता की सवारी शेर और महिषासुर को भी सोने के पत्तरों से सजाया जाएगा .
यह इस साल की सबसे महंगी प्रतिमा:-
पूजा समिति के प्रमुख मूर्तिकार मिंटू पाल ने बताया कि यह इस साल की सबसे महंगी प्रतिमा है. पूजा के आयोजकों ने 2017 में देवी दुर्गा की प्रतिमा को 22 किलोग्राम सोने की साड़ी से सुसज्जित किया था . इस साड़ी को फैशन डिजाइनर अग्निमित्र पाल ने डिजाइन किया था .
विभिन्न पूजा समितियां माता दुर्गा की प्रतिमा को सजाने के लिए महंगी धातुओं एवं पत्थरों का इस्तेमाल करते हैं ताकि दर्शकों को आकर्षित किया जा सके . प्रतिमा के श्रृंगार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली महंगी धातु एवं पत्थरों को पवित्र माना जाता है और इसकी मांग शुभ अवसरों के लिए बढ़ जाती है .
इसके अतिरिक्त एक अन्य पूजा समिति में माता दुर्गा की प्रतिमा के लिए आभूषण तैयार करने में 110 किलो चांदी का इस्तेमाल किया जा रहा है . माता के वस्त्र जैसे घाघरा और चुनरी चांदी से बनायी जाएगी. पूजा कमेटी के एक आयोजक ने बताया कि 10 कारीगर पिछले छह माह से आभूषण बनाने का काम कर रहे हैं.