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Tuesday, September 17, 2019

यहां पारसी लड़कों को टिप्‍स देंगे एक्‍सपर्ट, कैसे जीतें पारसी लड़कियों का दिल

मुंबई। डेट पर अपनी मॉम से फोन पर बात मत करो, जब लड़की से मिलने जाओ तो फूल लेकर जाओ...' जानकारों की पूरी टीम कुछ इसी तरह की
डेटिंग टिप्‍स पारसी लड़कों को देने वाली है। जल्‍द ही मुंबई में एक स्‍पेशल प्रोग्राम होने वाला है, जहां अविवाहित पारसी युवाओं को सिखाया जाएगा कि कैसे पारसी लड़कियों का दिल जीतें। इस प्रोग्राम में पारसी समुदाय के तमाम जानेमाने लोग होंगे जो पारसी युवकों को अपने ही समुदाय में विवाह करने को प्रेरित करेंगे।
इस प्रोग्राम का आयोजन 'जामे-जमशेद' नाम का पारसी अखबार और 'जिओ पारसी' फाउंडेशन कर रहे हैं। 22 सितंबर को मुंबई के आरटीआई हॉल में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में 18 से 45 साल के अविवाहित पारसी युवकों को पैनलिस्‍ट की एक टीम विवाह के लिए तैयार करेगी।
'मां के पल्‍लू से बंधे होते हैं पारसी लड़के'
इस पैनल के सदस्‍य और डेंटिस्‍ट डॉ. अशदिन टर्नर कहते हैं, 'पारसी लड़के मां के बड़े लाड़ले होते हैं। मेरा मकसद इन्‍हें सुझाव देना है कि मां के पल्‍लू से बंधा रहना ठीक नहीं है। मैं उन्‍हें कहूंगा कि वे कुछ तौर-तरीके सीखें जैसे कि जब किसी पारसी लड़की को डेट करने जाएं तो उस दौरान अपनी मां से फोन पर ही न बात करते रहें। नहीं तो डेट चौपट हो जाएगी। वे लड़की के लिए फूल लेकर जरूर जाएं, लेकिन यह बताने से बचें कि ये फूल उनकी मां ने चुने हैं।'
हमलोग जल्‍द सेटल होने की कोशिश कर रहे हैं। पारसी लड़कियां पारसी लड़कों से ज्‍यादा पढ़ी-लिखी होती हैं, इसलिए कम उम्र में पारसी लड़कियों से विवाह करना मुश्किल होता है।
एक अविवाहित शख्स
अपना उदाहरण देते हुए डॉ. टर्नर ने बताया कि जब वह 29 साल के थे उस समय उनकी शादी हो गई थी। तब उनकी पत्‍नी की उम्र 23 साल थी और आज दोनों के टीनएजर बच्‍चे हैं। वह कहते हैं, 'लेकिन आजके लड़के-लड़कियां बहुत देर में शादी कर रहे हैं। इसलिए मैं कुछ पारसी लड़कों को समझाऊंगा कि इससे पहले कि पारसी लड़कियां किसी गैर-पारसी लड़के से शादी कर लें, उनका दिल किस तरह जीता जाए।'
फिटनेस का भी अहम रोल
शहजाद डावर एक फिटनेस एक्‍सपर्ट हैं, वह इस मामले में फिटनेस और कसरत की अहमियत के बारे में बताएंगे। डावर कहते हैं, 'कहीं न कहीं यह भी आकर्षण बढ़ाने में अहम भूमिका अदा करता है। मैं उन्‍हें सुझाव दूंगा कि फिट रहने के लिए क्‍या खाएं और कौन सी कसरतें करें।'
बिना झिझके कैसे कहें दिल की बात
होरमज रागिना मशहूर जैम (JAM) मास्‍टर हैं। जैम (जस्‍ट अ मिनट) मतलब एक मिनट के अंदर बिना रुके, बिना हिचकिचाए किसी भी टॉपिक पर बात करने की कला। होरमज यहां बताएंगे कि पारसी लड़के बात करने में अपने भीतर किस तरह आत्‍मविश्‍वास लाएं। वह कहते हैं, 'हमारे समुदाय में बहुत से लड़के ऐसे हैं जो किसी लड़की से बात करने में बहुत शर्माते हैं। मैं उन्‍हें गाइड करूंगा कि किस तरह वे अपनी सारी एनर्जी एक ही दिशा में फोकस करें। मैं उन्‍हें कहूंगा कि वे एक साल में तीन नई चीजें सीखें। जैसे कोई नई भाषा या नया वाद्य यंत्र वगैरह। इससे उनकी जानकारी और समझ बढ़ेगी साथ ही उनका आकर्षण भी बढ़ेगा।' रागिना चाहते हैं कि युवा पढ़ने की आदत भी डालें।
जब किसी पारसी लड़की को डेट करने जाएं तो उस दौरान अपनी मां से फोन पर ही न बात करते रहें। नहीं तो डेट चौपट हो जाएगी। लड़की के लिए फूल लेकर जरूर जाएं, लेकिन यह बताने से बचें कि ये फूल उनकी मां ने चुने हैं।
डॉ. अशदिन टर्नर
जिया पारसी फाउंडेशन के पर्ल तीरंदास कहते हैं यह कार्यक्रम बहुत रोचक होने वाला है जिसमें सभी एक-दूसरे के साथ अपने अनुभव और विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। यहां ऐसे लोग युवाओं का मार्गदर्शन करेंगे जो अपने व्‍यक्तिगत और प्रफेशनल जीवन में कामयाब हैं।
इस कार्यक्रम में हिस्‍सा लेने के इच्‍छुक 40 साल के एक अविवाहित पारसी शख्‍स ने हमारे सहयोगी मुंबई मिरर को बताया, 'हम लोग जितनी जल्‍दी हो सेटल होने की कोशिश कर रहे हैं। पारसी लड़कियां पारसी लड़कों से ज्‍यादा पढ़ी-लिखी होती हैं। इसलिए कम उम्र में पारसी लड़कियों से विवाह करना मुश्किल होता है। मैं 40 साल का हो गया हूं लेकिन मुझे अभी तक अपनी दुलहन नहीं मिली है। मेरे जैसे लोगों के लिए यह कार्यक्रम बहुत मददगार होगा।'
सरकारी योजना है 'जियो पारसी'
जिओ पारसी स्‍कीम साल 2013 में शुरू की गई एक सरकारी योजना है जिसका मकसद घटती हुई पारसी आबादी को बढ़ावा देना है। साल 2011 की जनगणना में पता चला था कि पारसी आबादी 1941 की 1.14 लाख से गिरकर महज 57, 264 तक रह गई है। 2021 में जब भारत की आबादी 120 करोड़ होगी उस समय पारसियों की अनुमानित संख्‍या महज 58,000 होगी।