अशोकनगर। शहर में पहली बार निकली किन्नरों की गंगा कलश यात्रा को देखने शहर थम गया। 10 प्रांतों से आए किन्नर जिन रास्तों ने निकले वहां शहरवासियों ने उनका स्वागत किया। देशभक्ति गीतों के अलावा भजन और फिल्मी गीतों पर पूरे रास्ते डांस करते हुए किन्नरों के साथ युवाओं ने सेल्फी लेकर उनका आशीर्वाद भी लिया। इसके बाद किन्नरों की शोभायात्रा तारवाले बालाजी के मंदिर में पहुंची और घंटा चढ़ाया।
कई बुजुर्ग किन्नर तेज धूप और स्वास्थ्य की वजह से यात्रा में शामिल नहीं हुए तो कई किन्नर अपनी कारों में बैठे रहे। शहर के तारवाले बालाजी मंदिर पर छत्र, घण्टा और पोशाक चढ़ाकर शहर और देश में खुशहाली और समृद्धि की कामना की गई। शहर में आयोजित इस अखिल भारतीय मंगला मुखी किन्नर सम्मेलन की आयोजन कर्ता और शहर की किन्नर गुरु चांदनी मौसी को किन्नर समाज ने मण्डलेश्वर की उपाधि प्रदान की।
चांदनी मौसी उज्जैन की रहने वाली है इनकी उम्र 46 साल है इन्होंने आठवीं तक शिक्षा प्राप्त की है। इससे पहले ये नायक थी आज इन्हें मंडलेश्वर की उपाधि दी गई।सम्मेलन में गुजरात, महाराष्ट्र, आंधप्रदेश, पंजाब, उप्र, दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, मप्र के अलावा अन्य प्रांतों के किन्नर गुरु भी शामिल हुए हैं।
हार से लेकर झुमके और आंखों की पलक में भी तिरंगा:-
मेरी शान तिरंगा, मेरी आन तिरंगा, मेरा धर्म तिरंगा। इस अनोखे प्रेम को लेकर यात्रा में भोपाल से आई किन्नर परवीन पूरे तिरंगे में लिपटी दिखाई दी। परवीन ने यात्रा में सिर पर टोपी से लेकर हार, झुमके, बिंदी, नथ, कपड़े, चूड़ियां तक राष्ट्रीय ध्वज के कलर की पहनी थी। वहीं उनके हाथ में जो छाता था वह भी तिरंगा था। परवीन ने कहा कि देश है तो हम हैं इसलिए सबको सबसे पहले देश से प्रेम करना चाहिए। रात में शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम में किन्नरों ने जमकर डांस कर रहे किन्नरों पर नोट उड़ाए।
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