भोपाल। कटाराहिल्स में महिला की हत्या कर उसके शव को चलती कार से फेंकने के मामले का पुलिस ने 24 घंटे में खुलासा कर दिया है। हत्या के आरोप में एक ठेकेदार समेत दो आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। ठेकेदार का कहना है कि महिला उसकी प्रेमिका थी। जिसे उसने मकान दिया था। साथ ही रोजाना रुपए देता था। इसके बाद भी महिला की पैसे की डिमांड बढ़ती जा रही थी। इसलिए उसने कार में अपने साथी की मदद से महिला का गला घोंटा और शव को चलती कार से फेंक दिया था। पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें कि कटाराहिल्स में रहने वाले शाहिद खान (50) ने पुलिस को सूचना दी कि एक महिला का शव सड़क पर पड़ा है। महिला की पहचान ग्राम सतलापुरा मंडीदीप निवासी 38 वर्षीय निधि ठाकुर के रूप में हुई थी। पीएम के बाद शव को परिजनों को सौंपा गया था। जांच के दौरान पता चला कि वह सुबह किसी मंदिर जाने का बोलकर निकली थी। एक ठेकेदार अजय यादव है, जो अक्सर उसके घर पर आता -जाता था। वह उसे लेकर छिंदवाड़ा गया था। पुलिस बुधवार रात को संदिग्ध अजय यादव की जानकारी जुटाई तो वह पिपरिया में था। वहां से पुलिस ने उसके दोस्त राम सिंह के घर तलाश की तो पता चला कि अजय पिपरिया से भोपाल की ओर रात में ही निकल गया है। इसके बाद अजय यादव (50) को मिसरोद स्थित राधापुरम में उसके घर से उठा लिया। पूछताछ में उसने हत्या करना कबूल किया। अजय मूलतः शाहपुर जिला पटना बिहार का रहने वाला है।
महिला को मंडीदीप में मकान बनाकर दिया था:-
एएसपी संजय साहू ने बताया कि आरोपित अजय सिंह ने बताया है कि वह नाहर फैक्ट्री मंडीदीप में ठेकेदारी करता है। उसकी दोस्ती निधि ठाकुर से हुई थी। करीब डेढ़ साल पूर्व उसके पति ने उसे छोड़ दिया था। निधि को उसने कटीघाटी मंडीदीप में एक मकान बनाकर दिया था। निधि मिलन रेस्टोरेंट में साफ -सफाई का काम करती थी। वह निधि को रोजाना दौ सौ रुपए देता था। इसके बाद भी उसकी डिमांड बढ़ती जा रही थी। वह दोनों बेटियों के नाम पर 1-1 लाख की एफडी कराने की जिद कर रही थी। अजय के अनुसार उसे शक हो गया था कि निधि किसी और व्यक्ति के भी संपर्क में है। इस कारण उसने निधि को ठिकाने लगाने की योजना बना ली थी। इसमें उसका साथी अब्दुल अंसारी (50) निवासी कटीघाटी सतलापुरा को शामिल कर लिया था।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम:-
आरोपित अजय ने बताया कि 22 अक्टूबर को वह झांड-फूंक करने तामिया, जिला छिंदवाडा के पास एक गांव में निधि के साथ गया था। वापस आते समय उसके मोबाइल पर किसी का फोन आया। पूछने पर उसने कुछ नहीं बताया। रात करीब तीन बजे वे बैतूल से मंडीदीप आ गए थे। निधि आगे की सीट पर सो रही थी। मैं दवा फैक्ट्री के पीछे गाड़ी ले गया। मैंने वहीं पर अपने दोस्त अब्दुल अंसारी को बुला लिया। अब्दुल ने कार में पीछे की सीट पर बैठकर निधि के गले में गमछा डाला और मैंने गला घोंट दिया। उसके बाद कटाराहिल्स में चलती कार से निधि के शव को धक्का देकर भाग गए थे।