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Tuesday, October 8, 2019

यहां होती है 'कुर्सी की खेती', पेड़ों को काटकर फर्नीचर बनाने का नहीं होता झंझट

फीचर डेस्क, नई दिल्ली (इंग्लैंड)। 50 साल पुराने किसी पेड़ को काटकर फर्नीचर बनाने से बेहतर है कि पौधों को फर्नीचर के आकार में ही उगाया जाए'। ये कहना है इंग्लैंड में रहने वाले पति-पत्नी गेविन और एलिस मुनरो का। ये दंपति सालों से फर्नीचर के आकार में ही पौधे उगा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो अब तक 50 मेज, 100 लैंप और 250 कुर्सियां उगा चुके हैं। गेविन ने पौधों को फर्नीचर के आकार में उगाने की शुरुआत साल 2006 में की थी। उस समय उन्होंने कुल कुर्सियां उगाईं थी। इसके बाद तो उनके अंदर इस काम को करने का जुनून ही सवार हो गया। साल 2012 में गेविन ने एलिस से शादी कर ली। उसके बाद उन्होंने मिलकर एक कंपनी खोली और अपने आइडिया को एक कारोबार का रूप दे दिया।
हालांकि पहली बार जब उन्होंने फर्नीचर उगाया तो उनकी फसल बर्बाद हो गई थी। गेविन बताते हैं कि उन्हें फर्नीचर के आकार के पौधा उगाने का आइडिया तब आया था, जब उन्होंने एक बोनसाई के पौधे को देखा था, जो बिल्कुल किसी कुर्सी की तरह लग रहा था।पौधों को फर्नीचर की तरह बनाने में बहुत समय लगता है। इसके लिए पौधों की डालियों को उसी हिसाब से मोड़ना पड़ता है, जिस तरह का फर्नीचर बनाना हो। 
गेविन और उनकी पत्नी एलिस अब इस काम में माहिर हो चुके हैं। गेविन के मुताबिक, इस तरह उगाई गई एक कुर्सी आठ लाख रुपये में बिकती है। वहीं मेज की कीमत 11 लाख रुपये तक है, जबकि एक लैंप 80 हजार रुपये में बिकता है। जानकारी के मुताबिक, पौधे वाली एक कुर्सी बनाने में 6-9 महीने का समय लगता है, जबकि यह सूखने में भी इतना ही समय लेता है। इसके बाद ही यह बिकने के लिए तैयार होता है।