मुंबई. महाराष्ट्र के ठाणे में एक कोर्ट ने 56 साल के दुष्कर्म आरोपी को 5 साल बाद दोषमुक्त करार दिया. कोर्ट ने इस दौरान महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि सहमति से बनाए गए शारीरिक संबंध रेप नहीं हो सकता है. जानकारी के अनुसार दिलीप श्रीधर पाटिल नामक एक ईंट-भट्ठा मालिक पर उसी के ड्राइवर की पत्नी ने रेप का आरोप लगाया था. लेकिन कोर्ट में सुनवाई के दौरान पहले तो पीड़िता के बयान विरोधाभासी लगे और बाद में उसने मुकदमा भी वापस लेने की बात की. जानकारी के अनुसार पीड़िता के पति की कुछ सालों पहले मौत हो चुकी है.
पीड़िता ने कहा- भाई की पत्नी को पता चल गया था:-
पीड़िता ने कोर्ट में कहा कि उसके और पाटिल के बीच शारीरिक संबंध आपसी सहमति से थे. जब दोनों के रिश्तों के बारे में उसके भाई की पत्नी को पता चला तो उसने उसको बहला कर पाटिल के खिलाफ रेप की शिकायत दर्ज करवा दी. इसके चलते अब वह मामले को वापस लेना चाहती है.
पहले कहा था- धमकी देकर करता था रेप:-
इससे पहले पीड़िता ने कहा था कि 2012 में पाटिल ने उसे एक लॉज में बुलाया था, जब विरोध किया तो उसने पति को नौकरी से निकाल देने की धमकी दी. पीड़िता वहां गई तो पाटिल ने उसका रेप किया. इसके बाद उसने उसे बदनाम करने और पति को नौकरी से निकालने की धमकी देकर चुप रहने को कहा. इसके बाद यह सिलसिला चलता रहा. 2014 में पति की मौत हो गई. जिसके बाद भी आरोपी उसका रेप करता रहा. हालांकि उसने कुछ रुपये भी उसे दिए. इसके बाद परेशान होकर पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया.
कोर्ट ने कहा- तो पीड़िता नहीं करती शिकायत:-
कोर्ट ने कहा कि रेप के मामलों में पीड़िता का बयान अहम माना जाता है. यहां पर पीड़िता ने ही साफ किया है कि संबंध सहमति से बनाए गए थे. ऐसे में यह रेप नहीं शरीरिक संबंधों का मामला था. कोर्ट ने आगे कहा कि यदि पीड़िता के भाई की पत्नी को इस बारे में नहीं पता चलता तो वह कभी शिकायत भी नहीं दर्ज करवाती. ऐसे में कोर्ट पाटिल को दोषमुक्त करार देता है.