इंदौर। आईआईटी में रेत पहुंचाने आए एक डंपर को छोड़ने के एवज में 13 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने मंगलवार को सिमरोल थाने के आरक्षक को रंगेहाथों पकड़ा। मामले में थाने के टीआई और एक नगर सैनिक को भी आरोपित बनाया गया है। रिश्वत लेने वाले आरक्षक को लोकायुक्त डीएसपी ने पकड़ा तो वह दहाड़े मारकर रोने लगा और डीएसपी से कहा कि मैं मर जाऊंगा। टीआई इस दौरान कैबिन में ही मौजूद थे। वे कार्रवाई के दौरान सिर झुकाए बैठे रहे। लोकायुक्त एसपी सव्यसाची सराफ के मुताबिक आवेदक मनोज शर्मा निवासी धार रोड की शिकायत पर टीम ने सिमरोल टीआई राकेशकुमार नैन, आरक्षक विजेंद्र धाकड़ और नगर सैनिक दीपक पटेल पर कार्रवाई की है। टीम के डीएसपी एसएस यादव ने बताया कि मनोज शर्मा आईआईटी इंदौर में रेत सप्लाई करते हैं।
सोमवार रात को उनका डंपर (एमपी 09 एचएच 6350) सिमरोल में आईआईटी के गेट के बाहर पहुंचा ही था कि उसे नगर सैनिक ने पकड़ लिया और थाने ले आया। यहां मनोज से 15 हजार रुपए की मांग की गई। बाद में शर्मा ने हमसे संपर्क किया। सुबह हमने रिकॉर्डिंग उपकरण लेकर भेजा और सौदा 13 हजार रुपए में तय हुआ।
साहब ने बोला है 15 हजार में छूटेगी:-
मनोज ने बताया कि मैंने छह महीने पहले ही यह गाड़ी ली है। इसके सभी पेपर थे। गाड़ी ओवरलोड भी नहीं थी। फिर भी मुझे परेशान किया जा रहा था। सुबह मैं दीपक पटेल के पास गया तो उसने बताया कि टीआई साहब ने बोला है कि 15 हजार रुपए लेकर गाड़ी छोड़ना है। बाद में सौदा 13 हजार रुपए में तय हुआ। इसके बाद मैं रुपए का इंतजाम करने का कहकर लौट आया।
टीआई बोले आरक्षक से मिल लो:-
डीएसपी यादव ने बताया कि मनोज शाम को रुपए लेकर थाने गया और दीपक को तलाशा तो वह नहीं मिला। इसके बाद वह सीधे टीआई नैन के कैबिन में गया। टीआई से दीपक के नहीं मिलने और रुपए लाने की बात कही तो टीआई ने आरक्षक विजेंद्र से मिलने का कहा। इसके बाद मनोज ने उसे रुपए दिए। विजेंद्र ने रुपये जेब में रखे, इसी बीच टीम ने उसे धरदबोचा और सीधे टीआई के कैबिन में ले गई।