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Thursday, February 27, 2020

रिटायर्ड कर्नल ने पत्नी की हत्या कर शव के किया सेंकडो टुकड़े टिफिन से बरामद, मिली उम्रकैद

भुवनेश्वर: अपनी पत्नी की हत्या कर उसके 300 टुकड़े करने वाले आर्मी के रिटायर्ड कर्नल को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. रिटायर्ड कर्नल सोमनाथ परीदा ने करीब 6 साल पहले अपनी 61 वर्षीय पत्नी की हत्या कर उसके शव के 300 टुकड़े कर उसे टिफिन बॉक्स में डाल दिया था. ओडिशा (Odisha) की स्थानीय अदालत ने मंगलवार को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई.
खुरदा की जिला व सत्र न्यायालय ने परीदा को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी पाया. कोर्ट ने 24 गवाहों और साइंटिफिक टीम के प्रमाणों के आधार पर ये फैसला सुनाया है. दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. सरकारी वकील बीरेन कुमार पांडा ने बताया कि सजा सुनते ही परीदा अदालत में फूट-फूटकर रोने लगा. उसने कोर्ट से सजा कम करने की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने उसकी एक नहीं सुनी.
क्या है पूरा मामला:-
ये पूरा मामला जून 2013 का है. रिटायर्ड कर्नल सोमनाथ परीदा और उसकी पत्नी उषाश्री के बीच किसी बात को लेकर अनबन हुई. इसके बाद गुस्से से लाल परीदा ने अपनी पत्नी के सिर पर टॉर्च से वार कर दिया. हमले में महिला की मौत हो गई. जुर्म छुपाने के लिए दोषी ने सर्जरी वाले उपकरण से शव के 6-6 इंच के 300 टुकड़े किए और उसे 22 टिफिन में पैक कर दिया.
दंपति के बच्चे अमेरिका में रहते हैं. 22 जून, 2013 को परीदा की बेटी ने अपनी मां से बात करने के लिए उसे फोन किया. लेकिन कई बार फोन करने के बावजूद उसकी मां से बात नहीं हो पाई. शक होने पर लड़की ने अपने ननिहाल वालों से इस बारे में बात की. इसके बाद उषाश्री का भाई और उसके परिवार के अन्य लोग भुवनेश्वर स्थित परीदा के घर पहुंचे.
रिश्तेदारों को देखकर परीदा ने दरवाजा भीतर से बंद कर दिया. काफी कहने के बाद भी उसने दरवाजा नहीं खोला. इसके बाद रिश्तेदारों ने खिड़की से झांकने की कोशिश की तो उन्हें घर के भीतर से बदबू आई. रिश्तेदारों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी और परीदा को गिरफ्तार कर लिया गया. घर की तलाशी के दौरान एक बक्से में से टिफिन से उसकी पत्नी के शव के टुकड़े बरामद हुए. 
भयावह घटना को अंजाम देने के बावजूद भी परीदा के शांत स्वभाव को देखकर पुलिस भी हैरान थी. सुनवाई के दौरान वह बार-बार यही कहता रहा कि उसकी पत्नी ने आत्महत्या की है. उसने उसके शव को इसलिए संभालकर रखा था ताकि उसे शिरडी ले जाकर अंतिम संस्कार कर सके. चार्जशीट दाखिल होने के बाद से आज तक कर्नल भुबनेश्वर के झारपड़ा जेल में बंद था.