भोपाल। भाजपा ने कांग्रेस सरकार की रेत नीति पर सवाल उठाए हैं। भाजपा प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि समाचार माध्यमों में जिस तरह की खबरें आ रही हैं, उनसे यही लग रहा है कि कमलनाथ सरकार में बैठे लोगों का पूरा ध्यान सिर्फ रेत की बंदरबांट पर है।
सरकार के मंत्री एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं, अधिकारी कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस के ही विधायक खुद को रेत माफिया के सामने असहाय बताते हैं। प्रदेश में ये चल क्या रहा है? मुख्यमंत्री कमलनाथ को यह बात प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि क्या उनकी सरकार सिर्फ रेत की कमाई की बंदरबांट के लिये बनी है?
सिसोदिया ने कहा कि प्रदेश में जिस तरह की घटनाएं घट रही हैं, उनसे यह स्पष्ट हो जाता है कि रेत माफिया के सिर पर कोई इतना शक्तिशाली हाथ है, जिसके गिरेबान तक सरकारी अफसरों, विधायकों और मंत्रियों तक के हाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं।
बेलगाम रेत माफिया तहसीलदार स्तर के अधिकारियों से मारपीट कर रहे हैं, तो सजा के बदले रेत माफिया को वीआईपी ट्रीटमेंट मिलता है। शहडोल जिले में एक सरकारी अफसर खनिज मंत्री की मौजूदगी में कांग्रेस नेता के भाई पर अवैध खनन को संरक्षण देने का आरोप लगाती है तो कांग्रेस या सरकार का कोई प्रतिनिधि उस पर टिप्पणी करना भी जरूरी नहीं समझता।
नदियों का जीवन बचाने के नाम पर नदी न्यास के अध्यक्ष कम्प्यूटर बाबा जब रेत माफिया पर छापे मारते हैं, तो प्रदेश के खनिज मंत्री उनके ज्ञान पर सवाल उठाते हैं और यह कहते हैं कि कम्प्यूटर बाबा किसी के इशारे पर कार्रवाई कर रहे हैं। सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को यह बताना चाहिए कि कम्प्यूटर बाबा किसके इशारे पर कार्रवाई कर रहे हैं? और अगर वे नदियों का जीवन बचाने के लिये छापे मार रहे हैं, तो प्रदेश के खनिज मंत्री को इस पर आपत्ति क्यों है?