खरगोन। कोतवाली थाना पुलिस ने पुत्रवधू की हत्या के सह आरोपित सेवानिवृत्त सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) के विरुद्ध फर्जी अंकसूची से शासकीय नौकरी पाने के मामले में प्रकरण दर्ज कि या है। संबंधित पूर्व पुलिसकर्मी ने करीब 40 साल तक नौकरी की। उसके खिलाफ 21 फरवरी को प्रकरण दर्ज कि या गया। उसके खिलाफ उसके समधी ने केस दर्ज कराया है। आरोपित व समधी मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं।
कोतवाली थाना प्रभारी ललितसिंह डागुर ने बताया कि बिहार के नालंदा जिले के नूरसराय निवासी अखिलेश सिंह की शिकायत पर उसके समधी व सेवानिवृत्त एएसआई कपिलदेव सिंह के विरुद्ध विभिन्न् धाराओं में प्रकरण तहत दर्ज कि या है। शिकायत के मुताबिक कपिलदेव सिंह मूलत: अलावलपुर थाना गौरीचौक जिला पटना (बिहार) का निवासी है। वर्तमान में वह मप्र के बड़वानी जिले के सेंधवा में निवासरत है।
आरोपित ने 10वीं की फर्जी अंकसूची के आधार पर 1978 में खरगोन में ट्रेड सेक्शन में नौकरी पा ली थी। इस पद पर रहते हुए उसने तीन पदोन्नति भी पाई। प्रदेश के खंडवा जिले से 61 वर्ष की उम्र में कपिलदेव सिंह एएसआई के पद से सेवानिवृत्त हुआ।
आठवीं की अंकसूची भी फर्जी:-
डागुर ने बताया कि जांच के दौरान कपिलदेव सिंह ने पुलिस को बताया था कि पूर्व में ट्रेड सेक्शन में नौकरी आठवीं की अंकसूची के आधार पर मिला करती थी। तब पुलिस ने कपिलदेव सिंह द्वारा बताए गए विद्यालय में पुन: जांच-पड़ताल की, जिसमें कक्षा आठवीं की अंकसूची भी फर्जी पाई गई।
दो साल चली जांच में पर्दाफाश:-
डागुर ने बताया कि 4 अप्रैल 2019 को आरोपित कपिलदेव सिंह के खिलाफ नूरसराय निवासी उनके समधी अखिलेश सिंह ने खरगोन एसपी कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई थी। करीब दो वर्ष जांच के बाद पर्दाफाश हुआ।
बेटी की हत्या के बाद शिकायत:-
कपिलदेव सिंह के पुत्र अजय सिंह के साथ अखिलेश सिंह की पुत्री प्रियंका का विवाह हुआ था। प्रियंका की हत्या सेंधवा में अक्टूबर 2018 को हो गई थी। इसके बाद अखिलेश सिंह ने कपिलदेव के खिलाफ एसपी कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई थी।
पुत्रवधू प्रियंका की हत्या के मामले में पुलिस ने कपिलदेव सिंह, पत्नी पुष्पा सिंह, पुत्र अजय सिंह और पुत्री को दहेज प्रताड़ना व हत्या के मामले में आरोपित बनाया गया था। उस मामले में कपिलदेव सिंह को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह जमानत पर है।
अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर:-
डागुर ने बताया कि करीब 40 वर्षों की नौकरी में कपिलदेव सिंह ने पूरा वेतन प्राप्त कि या। फिलहाल पेंशन भी ले रहा था। वह अभी पुलिस गिरफ्त से दूर है।
इनका कहना है:-
मामले को गंभीरता से लिया गया है। सूक्ष्म जांच कर आरोपित के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
-सुनील कुमार पांडेय, एसपी खरगोन-