इंदौर. मध्य प्रदेश के मिनी मुंबई कहे जाने वाले शहर इंदौर (Indore) के कोरोना (Corona) प्रभावित इलाकों में घरों पर ही लोग चोरी छिपे कोरोना का इलाज कर रहे हैं, जिसके लिए बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर, मास्क, पीपीई किट, कोरोना के लक्षणों का इलाज करने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन जैसी दवाइयां खरीदी जा रही है. इसकी भनक जिला प्रशासन को लगते ही वो हरकत में आ गया है. इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि 10 दिन पहले ही उन्हें शिकायत मिली थी कि कुछ लोग घर पर ही इलाज करवा रहे हैं, जिसके चलते 5 ऑक्सीजन बॉटलिंग प्लांट संचालकों से सप्लाई के रिकॉर्ड भी लिए गए हैं. इसमें एक बिचौलिए की भी भूमिका पता लगी है उसकी भी तलाश की जा रही है. इसमें संलिप्त लोगों पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी.
चिकित्सीय सामग्री सप्लाई करने वालों पर लगेगी रासुका:-
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह के मुताबिक शहर के कुछ इलाकों, खासकर बंबई बाजार, मच्छी बाजार और अन्य इलाकों से खबर मिली कि यहां बड़ी संख्या में लोग अवैध रूप से इलाज करवा रहे हैं. ऑक्सीजन सिलेंडरों के अलावा कई तरह के मेडिकल उपकरण और कोरोना इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की भी खरीदी की जा रही है. इसके साथ ही पीपीई किट भी सप्लाई की गई. कलेक्टर के मुताबिक 10 दिन पहले ही उन्हें यह सूचना मिल गई थी, जिसके आधार पर इस तरह के मेडिकल उपकरण और दवाइयों को बेचने वालों के साथ शहर में ही पांच ऑक्सीजन बॉटल प्लांट की भी जांच शुरू करवाई गई है. इनके संचालकों से पूरा रिकॉर्ड मांगा गया है कि इन्होंने किन‑किन लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई किए हैं. कलेक्टर का कहना है कि इस तरह के ऑक्सीजन सिलेंडर अवैध रूप से सप्लाई करने वालों के साथ मेडिकल उपकरण, दवाइयां और दूसरे चिकित्सकीय सामग्री सप्लाई करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन पर रासुका लगाई जाएगी.
चोरी छिपे हो रही मेडीकल उपकरणों की खरीद:-
कोरोना प्रभावित इलाकों में अचानक बड़ी संख्या में लाखों रुपए के ऑक्सीजन जनरेटर, मास्क, पीपीई किट, कोरोना के लक्षणों का इलाज करने वाली हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन जैसी दवाइयां खरीदी जा रही हैं. यही नहीं, इन इलाकों में चोरी-छिपे इलाज किया जा रहा है और मौतें भी हो रही है मेडिकल उपकरणों की खरीदी और डिलीवरी भी चोरी-छिपे की जा रही है, डिलीवरी लेने के लिए जो गाड़ी आ रही है. उसके पास खाद्य सामग्री वितरण के लिए जारी किया गया कर्फ्यू पास मिला है. इन मशीनों और दवाओं के सप्लायर को भुगतान मुंबई की एक कूरियर कंपनी के खाते से किया जा रहा है.
शहर काजी ने की अपील:-
कलेक्टर ने घर बैठकर इलाज करा रहे लोगों से अपील की कि वे इस तरह अवैध इलाज न करवाएं बल्कि स्वास्थ्य विभाग से सम्पर्क कर अस्पताल में भर्ती हों ताकि बेहतर इलाज किया जा सके. इधर शहर काजी डॉ. इशरत अली ने कहा कि ये दुखद है कि कुछ लोग घर पर ही कोरोना के संभावित लक्षणों का उपचार कर रहे हैं. ये जानलेवा है. ऐसे लोग अस्पताल जाएं जहां उनका उपचार उचित तरीके से होगा और वे स्वस्थ होंगे. अपने घरों में ही इलाज कराने वाले कई लोग स्थिति बिगड़ने पर अस्पतालों में लाए गए जिसके बाद इस बात का खुलासा हुआ. जिला प्रशासन उस बिचौलिए की भी तलाश कर रहा है जो कई अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई का काम करता है पुलिस भी इस मामले की जांच‑पड़ताल में जुट गई है.